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गणतंत्र दिवस पर खिरिया बाग से आज़मगढ़ एयरपोर्ट तक निकाली गई किसान-मज़दूर परेड

‘आज़मगढ़ के लोगों ने कभी भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग नहीं की थी। बनारस में पहले से ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट मौजूद है तो सिर्फ 41 किमी दूर दूसरा बड़ा हवाई अड्डा बनाने की आख़िर क्या ज़रूरत है? एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर पूंजीपतियों के लिए ज़मीन-मकान छीनने का षड्यंत्र किया जा रहा है।’
Khirya Bagh Parade

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में प्रशासन के दबाव के बावजूद किसान और मजदूरों ने खिरिया बाग से एयरपोर्ट तक परेड निकली और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की परियोजना को रद्द करने की मांग उठाई। संयुक्त किसान मोर्चा और जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में परेड का आयोजन किया गया था। किसान-मजदूर परेड का आयोजन कर किसान आंदोलनकारियों ने संघर्ष का एक नया इतिहास रचा है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के सदमे से अब तक 22 किसानों की मौत हो चुकी है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी की सुबह आजमगढ़ के खिरिया बाग धरना स्थल पर तिरंगा फहराने, देश के शहीदों और किसान आंदोलन के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। बाद में सैकड़ों किसानों ने खिरियाबाग से आजमगढ़ एयरपोर्ट तक परेड निकाली। परेड में शामिल किसान अमर शहीदों का बलिदान-याद रखेगा हिंदुस्तान, शहीद किसान-मजदूर अमर रहें, अमर शहीदों का पैगाम जारी रखना है के नारे लगा रहे थे।

नई दिल्ली में 13 महीने तक चलने वाले ऐतिहासिक किसान आंदोलन के समय भी संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस पर किसान परेड निकाला था। किसानों के लिए उसका एक ऐतिहासिक महत्व बन चुका है। किसान-मजदूर देश का सबसे बड़ा उत्पादक वर्ग हैं। इस बार भी पूरे देश भर में संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान किया था कि गांव गांव तहसील, ब्लाक और जिला स्तर पर किसान मजदूर परेड निकली जाए।

आजमगढ़ के संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठन खिरिया बाग से निकाले जाने वाले किसान मजदूर परेड का हिस्सा रहे। संयुक्त किसान मोर्चा और जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में कलेक्ट्रेट पर कंधरापुर के थाना प्रभारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।

राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना का मास्टर प्लान रदद् करने, किसानों का आंदोलन रोकने और आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई गई है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि 12-13 अक्टूबर 2022 की रात सर्वे के नाम पर सगड़ी से एसडीएम सगड़ी और भारी पुलिस बल के द्वारा महिलाओं-बुजुर्गों के साथ किए गए  उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए, किसानों की सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने,  लखीमपुर खीरी में किसान-पत्रकार नरसंहार के साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी को  गृह राज्यमंत्री पद से बर्खास्त करने, शहीद किसानों के परिजनों को उचित मुआवजा और किसानों के ऊपर थोपे गए मुकदमों की मांग शामिल हैं।

किसानों-मजदूरों की प्रशासन से अब तक सभी वार्ता बेनतीजा रही है। आंदोलनकारियों का कहना है कि सम्मानजनक वार्ता का हम सदैव सम्मान करेंगें। बशर्तें शासन द्वारा लिखित प्रस्ताव दिया जाए। आज़मगढ़ के लोगों ने कभी भी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग नहीं की थी तो क्यों एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर पूंजीपतियों के लिए जमीन-मकान छीनने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

किसान-मजदूर परेड में रामनयन यादव, डा.रविंदर नाथ राय, राजकुमार भारत, दुखहरन राम, राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, राजस्थान के नेता सुखवंत हंसलिया भारतीय, ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी, सीलम भारती, विनोद सिंह, वेद प्रकाश उपाध्याय, सूरज पाल, रामराज, जय प्रकाश, गुरु प्रसाद यादव, सुनील पंडित, राजेश आज़ाद, विनोद यादव, अवधेश यादव, हीरालाल यादव, रविंद्र यादव, मुरारी, प्रवेश निषाद, रामशब्द निषाद, अजय यादव, नंदलाल यादव, किस्मती, सुनीता, नीलम, फूलमती, आदि प्रमुख लोग शामिल थे।

किसान नेता राजीव यादव ने ‘न्यूजक्लिक’ से कहा कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना अथवा किसी अन्य परियोजना के लिए आजमगढ़ के किसान जमीन-मकान नहीं देंगे। बेहतर यही होगा कि हवाई अड्डे के लिए मास्टजर प्लान रद्द कर दिया जाए। साथ ही अवैध सर्वे रिपोर्ट भी रद्द कर दी जाए। उन्होंने कहा कि किसानों-मजदूरों की प्रशासन से अब तक सभी वार्ता बेनतीजा रही है। आंदोलनकारियों का कहना है कि सम्मानजनक वार्ता का हम हमेशा सम्मान करेंगे। बशर्ते शासन हमें लिखित प्रस्ताव दे। आजमगढ़ के लोगों ने कभी भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग नहीं की थी। बनारस में पहले से ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट मौजूद है तो सिर्फ 41 किमी दूर दूसरा बड़ा हवाई अड्डा बनाने की आखिर क्या जरूरत है? एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर पूंजीपतियों के लिए जमीन-मकान छीनने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

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