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ज्ञानवापी मामला: एएसआई ने शुरू किया सर्वे, मुस्लिम पक्ष ने किया बायकॉट, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 

ज्ञानवापी में ASI सर्वे के मद्देनजर पुलिस और प्रशासनिक महकमा चौकसी बरत रहा है। ज्ञानवापी परिसर के आस-पास पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। समूचे वाराणसी में हाईअलर्ट जारी किया गया है।
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शुक्रवार की सुबह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया। जुमे की नमाज़ के चलते दोपहर में ASI टीम मस्जिद को खाली कर देगी। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बायकाट करते हुए तहखाने की चाबी देने से इनकार कर दिया है। आज सबसे पहले तहखाने में ही सर्वे शुरू किया जाना था। फिलहाल परिसर के पश्चिमी दीवार से सर्वे शुरू किया जा रहा है। ज्ञानवापी में ASI सर्वे के मद्देनजर पुलिस और प्रशासनिक महकमा चौकसी बरत रहा है। ज्ञानवापी परिसर के आस-पास पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। समूचे वाराणसी में हाईअलर्ट जारी किया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के ख़‍िलाफ मुस्लिम पक्ष ने शीर्ष अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे जारी रखने के आदेश को चुनौती दी गई है। मुस्लिम पक्ष ने आशंका जताई है कि वहां ASI टीम खुदाई का काम कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट आज ज्ञानवापी मामले के सुनवाई योग्य होने को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस बीच एक बौद्ध धर्म गुरु सुमित रतन भंते ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए ज्ञानवापी पर अपनी दावेदारी जताई है। उन्होंने दावा किया है कि ज्ञानवापी मंदिर अथवा मस्जिद नहीं, बल्कि बौद्ध मठ है।

सुबह ही पहुंच गई सर्वे टीम

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम सुबह ही सर्वे करने ज्ञानवापी मस्जिद में पहुंच गई है। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता और उनके अधिवक्ता भी मौजूद थे। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बायकाट कर दिया है। उनके अधिवक्ता और पक्षकार मौजूद नहीं हैं। मुस्लिम पक्ष ने बाकायदा शासन को चिट्ठी लिखकर यह बता दिया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में रोक लगाने की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट का फैसले आने तक इस सर्वे से अलग रहेंगे। साइंटिफिक सर्वे के लिए कानपुर आईआईटी के कुछ विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, ASI की टीम 12 बजे तक मस्जिद में सर्वे करेगी। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के नमाज के लिए परिसर खाली कर दिया जाएगा। संभावना व्यक्त की जा रही है कि ASI की टीम दोबारा अपराह्न 3 बजे से 5 बजे तक सर्वे कर सकती है। ज्ञानवापी में 24 जुलाई 2023 को सर्वे शुरू किया गया था, जिस सुप्रीम कोर्ट और बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक दिया गया था। तभी से एएसआई की भारी-भरकम टीम बनारस में रूकी हुई थी। सर्वे टीम में आगरा, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज, पटना सहित कई शहरों के विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं।

मुस्लिम पक्ष ने किया बायकाट

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने शुक्रवार की सुबह एक लिखित बयान जारी करते हुए कहा, "हाईकोर्ट के सर्वे के आदेश के ख़‍िलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। शीर्ष अदालत आज हर हाल में इस मामले की सुनवाई करेगी। हमने इसकी जानकारी बनारस के सभी उच्चाधिकारियों को दे दी है। हमने अनुरोध किया है कि शीर्ष अदालत के फैसले से पहले तक सर्वे स्थगित रखा जाए जो न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप है। प्रशासन ने हमारे आग्रह को ठुकराते हुए सर्वे शुरू करा दिया है।"

यासीन ने यह भी कहा है, "हमारे अधिवक्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट में पत्र भेजकर प्राथमिकता के आधार पर त्वरित सुनवाई करने का आग्रह किया है। हाईकोर्ट का फैसला आते ही प्रशासन सर्वे की तैयारियों में जुट गया था। बनारस के प्रशासनिक अफसरों ने आनन-फानन में एएसआई अफसरों की बैठक बुला ली थी। इसके बाद हमने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की बैठक बुलाई और सर्वे कार्रवाई से विरत रहने का निर्णय लिया। हमने लोगों से अपील है कि वो दुआओं का एहतमाम करें और शांति व सद्भाव बनाए रखे। हमारी जीत का यही मूल मंत्र होगा।"

बनारस में हाई अलर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी में सर्वे पर रोक लगाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को 03 अगस्त 2023 को खारिज कर दिया था। कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही एक बार फिर से सर्वे शुरू हो गया है। डीएम एस. राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन मौके पर मौजूद हैं। ज्ञानवापी में सर्वे के मद्देनजर जिले की पुलिस और प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है। सोशल मीडिया की भी निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराया जा रहा है। सर्वे के मद्देनजर यहां तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। परिसर के आस-पास से गुजरने वाले लोगों की सुबह से जांच चल रही है।

कैसे किया जाएगा ASI सर्वे

24 जुलाई2023 को हुए सर्वे में ज्ञानवापी परिसर की माप ली गई थी। नक्शा और गूगल अर्थ के मुताबिक लोकेशन आदि को टोपोग्राफी शीट पर उतारा गया था। अब यही प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। एएसआई के सूत्रों के मुताबिक, सर्वे में रडार तकनीक अपनाई जाएगी। इसके जरिये कंक्रीट, डामर, धातु, पाइप, केबल या चिनाई के नमूने जुटाए जाएंगे और कार्बन डेटिंग पद्धति से उम्र आदि का पता लगाएंगे। उम्मीद है कि ASI सर्वे करीब एक पखवारे तक चलेगा। सर्वे में इस बात की पड़ताल की जाएगी कि विवादित स्थल की वास्तविकता क्या है? विवादित स्थल के नीचे जमीन में क्या सच दबा हुआ है? ज्ञानवापी में बने गुंबद कब बनाए गए? तीनों गुंबद कितने पुराने हैं? वैज्ञानिक जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया?

सर्वे के दौरान सबसे पहले पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच होगी। बाद में तीन गुंबदों के ठीक नीचे सर्वे किया जाएगा। जरूरी होगा तभी खुदाई की जाएगी। सभी तहखानों की जांच की जाएगी। जरूरत पड़ने पर वहां भी खुदाई होगी। इमारत की दीवारों पर मौजूद कलाकृतियों की सूची बनेगी और उनकी उम्र और प्रकृति का पता लगाया जाएगा। इमारत में मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व की कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की जांच की जाएगी। इसके लिए टोपोग्राफी तकनीक उपयोग में लाई जाएगी। टोपोग्राफी ग्रह विज्ञान की एक शाखा है। इसकी मदद से पृथ्वी या अन्य किसी ग्रह, उपग्रह या क्षुद्रग्रह की सतह के आकार व कलाकृतियों का अध्ययन किया जाता है। इसका नक्शों के निर्माण में स्थालाकृति का विशेष महत्व है।

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