भारत में मानवाधिकार रक्षकों का उत्पीड़न आम बात हो गयी है: एमनेस्टी ने जुबैर की गिरफ़्तारी पर कहा

एमनेस्टी इंडिया ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि अथक रूप से सच और न्याय की पैरोकारी कर रहे मानवाधिकार रक्षकों का उत्पीड़न और मनमाने तरीके से गिरफ्तारी भारत में चिंताजनक रूप से आम बात हो गयी है।
जुबैर को दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में सोमवार रात को गिरफ्तार किया था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के लिए बोर्ड के अध्यक्ष आकार पटेल ने कहा कि भारतीय अधिकारी जुबैर पर इसलिए निशाना साध रहे हैं क्योंकि वह फर्जी खबरों और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ काम कर रहे हैं।
पटेल ने एक बयान में कहा, ‘‘मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी दिखाती है कि भारत में मानवाधिकार रक्षकों के सामने मौजूद खतरा संकट की स्थिति में पहुंच गया है।’’
उन्होंने कहा कि जुबैर को ‘‘प्राथमिकी की प्रति नहीं दिया जाना और गिरफ्तारी के बाद शुरुआत के कुछ घंटों तक किसी से बात नहीं करने देना, यह तथ्य दिखाता है कि भारतीय प्राधिकार कितने निर्लज्ज हो गये हैं।’’
पटेल ने कहा कि जुबैर की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है और दिल्ली पुलिस को उन्हें तत्काल और बिना शर्त रिहा कर देना चाहिए।
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने भी जुबैर की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया।
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