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शैलजा को शामिल न किया जाना पार्टी की स्थिति के अनुरूप : विजयन

माकपा ने कहा कि लोकप्रिय स्वास्थ्य मंत्री को मंत्रिमंडल में शामिल न करना पार्टी का एक “राजनीतिक व संगठनात्मक” फैसला है और इस पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा।
विजयन

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि एलडीएफ मंत्रिमंडल से के. के. शैलजा को बाहर रखा जाना नए चेहरों को मौका दिये जाने की पार्टी की स्थिति के अनुरूप है।

शैलजा को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने के कारण प्रदेश सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है।

विजयन ने संवाददाताओं को बताया कि छह अप्रैल को हुए चुनावों में माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को मिली जीत के बाद उनका खुद का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनना भी पार्टी के फैसले के अनुरूप है।

एलडीएफ की पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं शैलजा को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने से बहस छिड़ गई है और कई हस्तियों ने उनका समर्थन करते हुए मंत्रिमंडल में उनकी वापसी की मांग की है।

शैलजा ने राज्य में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई थी और पहली लहर पर लगाम लगाने के लिये उनकी काफी सराहना भी हुई थी।

विजयन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ राज्य की जंग एक सामूहिक प्रयास था।

शैलजा के निष्कासन पर बुधवार को सवालों का जवाब देते हुए विजयन ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों की राय का सम्मान करते हैं, लेकिन पार्टी की नीति है कि नए चेहरों को आना चाहिए।

उन्होंने निवर्तमान मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों के प्रदर्शन की सराहना की लेकिन कहा कि पार्टी का फैसला “किसी को भी विशेष छूट देने का नहीं है।”

उन्होंने कहा, “कई पूर्व मंत्रियों ने अपने विभागों में उल्लेखनीय काम किया था। पार्टी ने किसी को भी किसी तरह की छूट नहीं देने का फैसला किया है। पार्टी का मत नए लोगों को लाने का है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि शैलजा को मंत्रिमंडल में नहीं रखने का फैसला पार्टी की नीति पर आधारित है।

यह पूछे जाने पर कि क्या शैलजा दूसरे मौके की हकदार हैं, विजयन ने कहा कि कई हैं जो दूसरे मौके के हकदार थे।

इससे पहले दिन में माकपा ने कहा कि लोकप्रिय स्वास्थ्य मंत्री को मंत्रिमंडल में शामिल न करना पार्टी का एक “राजनीतिक व संगठनात्मक” फैसला है और इस पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यवाहक सचिव ए विजय राघवन ने कहा कि नेतृत्व ने पहले ही पार्टी द्वारा इस संदर्भ में लिये गए फैसले की जानकारी दे दी है।

उन्होंने कहा कि जहां तक कम्युनिस्ट पार्टी की बात है, राजनीति और संगठन समान रूप से महत्वपूर्ण हैं और मौजूदा फैसला इसी के अनुरूप है।

उन्होंने कहा, “पार्टी को अपने राजनीतिक और संगठनात्मक हितों को ध्यान में रखना होगा। सत्ताधारी दल के तौर पर, उसे राज्य के हितों की रक्षा के लिये भी उचित विचार करना होगा। इसलिये, गंभीर चिंतन के बाद पार्टी ऐसे फैसलों पर पहुंचती है।”

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