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जम्मू में डेंगू के 350 से अधिक मामले आए, चिकित्सकों ने कहा - घबराने की बात नहीं

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में डेंगू के अब तक 486 मामले आए हैं और इनमें से 357 मामले जम्मू जिले से हैं।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। AFP

जम्मू : जम्मू जिले में डेंगू के 350 से अधिक मामले आए हैं जिससे क्षेत्र में पिछले एक पखवाड़े में डेंगू के मामलों में वृद्धि का पता चलता है, जिसके कारण अधिकारियों ने मच्छर जनित इस वायरल संक्रामक रोग से निपटने के लिए कदम उठाए।

हालांकि जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सकों ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस मौसम में डेंगू के मामलों में इस तरह की वृद्धि हमेशा देखी जाती है।

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में डेंगू के अब तक 486 मामले आए हैं और इनमें से 357 मामले जम्मू जिले से हैं।

उन्होंने कहा कि कठुआ से 46 मामले, सांबा जिले से 42 मामले आए हैं। अन्य जिलों में - राजौरी में डेंगू के 10, रियासी में आठ, उधमपुर में पांच, पुंछ में छह, डोडा में चार, किश्तवाड़ में एक, कश्मीर में चार और अन्य क्षेत्रों में तीन मामले सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकतर मामले जम्मू क्षेत्र - जम्मू, सांबा और कठुआ से आए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू में शनिवार और रविवार को क्रमश: 33 और 77 मामले आए।

उन्होंने कहा कि इनमें से कई मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया और 100 अधिक मरीजों को छुट्टी दे दी गई।

सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख (एचओडी) डॉ. संदीप डोगरा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह एक वायरल संक्रामक रोग है, हमें यह समझना होगा कि यह कैसे होता है। सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि हर किसी को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है, अधिकतर मामलों में मरीज खुद ब खुद कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि यह बहुत खतरनाक बीमारी है। इस गलतफहमी को दूर करने की जरूरत है।’’

डेंगू रोगियों के लिए प्लेटलेट्स की संभावित कमी के बारे में आशंकाएं दूर करते हुए अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं और प्लेटलेट्स का पर्याप्त भंडार है।

जीएमसी में ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष (एचओडी) डॉ. मीना सिद्धू ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘डेंगू में जब प्लेटलेट्स की कमी होती है, तो लोग घबरा जाते हैं कि वे उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारे पास हमेशा प्लेटलेट्स का पर्याप्त भंडार होता है।’’

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