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…संसद आ रहा हूं मैं!

‘‘चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत की अवधारणा की रक्षा करना।’’- राहुल गांधी
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‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद नियम अनुसार राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई है। अब देखना है कि लोकसभा स्पीकर इसपर उसी तरह

फ़ैसला लेते हैं या नहीं जैसी तेज़ी उन्होंने सदस्यता रद्द करने में दिखाई थी।

‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया।

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी उपनाम’ के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका सात जुलाई को खारिज कर दी थी। राहुल ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

चाहे कुछ भी जाए, मैं भारत की अवधारणा की रक्षा का कर्तव्य निभाता रहूंगा: राहुल

शीर्ष न्यायालय से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत की अवधारणा की रक्षा करना।’’

यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है: खरगे

कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है तथा यह उम्मीद अभी बाकी है कि न्याय मिल सकता है।

खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘आज खुशी का, बड़ा दिन है। यह सिर्फ राहुल गांधी की ही जीत नहीं है। यह संविधान की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है। सत्यमेव जयते।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा ‘‘हम फैसले का स्वागत करते हैं। अभी संविधान जिंदा है। न्याय मिल सकता है और यह उम्मीद अभी बाकी है।’’

खरगे ने कहा ‘‘राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे। अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे। हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का इंतजार करेंगे।’’

गुजरात कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

मानहानि मामले में 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे के भीतर, 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने पार्टी के नेता व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार देने की घोषणा की। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

इसके बाद राहुल को 22 अप्रैल तक उनका 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया था जहां वह करीब दो दशक से रह रहे थे। उन्होंने 22 अप्रैल को वह बंगला खाली कर दिया और अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर कुछ समय के लिए रहने चले गए।

“यह इंडिया की जीत”

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फ़ैसले पर कहा कि यह 'इंडिया' की जीत है।

बघेल ने शुक्रवार को अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘‘अंधकार चाहे भारी हो और समंदर पार हो, सदा उजाला विजित हुआ है, अगर सत्य आधार हो। श्री राहुल गांधी जी की सजा पर रोक के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भारत स्वागत करता है। सत्यमेव जयते! यह इंडिया की जीत है।''

बघेल ने इसके साथ ही राहुल गांधी की एक तस्वीर भी साझा किया है जिसमें लिखा है, ''नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं, हां मैं राहुल बोल रहा हूं।''

उमर, महबूबा व वानी ने भी स्थगन का स्वागत किया

जम्मू कश्मीर में राजनीतिक दलों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषिसद्धि पर उच्चतम न्यायालय के स्थगन का शुक्रवार को स्वागत किया।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘लोकसभा में प्रतिनिधित्व बहाल होने के लिए वायनाड के लोगों को बधाई। ’’

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें खुशी है कि ‘‘भारत के विचार’’ के वास्ते संघर्ष करने के लिए राहुल गांधी संसद में लौटेंगे।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ एक ऐसे मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय के स्थगन का मैं स्वागत करती हूं जिसमें खड़े होने का दम नहीं है। (मुझे) खुशी है कि भारत के विचार के वास्ते संघर्ष करने के लिए वह संसद में लौटेंगे।’’

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने कहा कि इंसाफ कायम हुआ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय के स्थगन का हम स्वागत करते हैं। कोई भी ताकत जनता की आवाज को दबा नहीं सकती।’’

अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया।

बिरला से मुलाकात के बाद चौधरी ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय से राहुल गांधी को राहत मिलना सच्चाई की जीत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी बोलें।’’

चौधरी ने राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी से संबंधित मानहानि के मामले में उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने के बाद शुक्रवार को लोकसभा में आसन से आग्रह किया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को सदन की बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाए।

चौधरी ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल के समक्ष यह मांग उठाई।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता राहुल गांधी को उच्चतम न्यायालय से राहत मिल गई है। उन्हें सदन में आने की अनुमति दी जाए। यह हमारी मांग है।’’

अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष इस पर संज्ञान लेंगे।

ममता बनर्जी ने भी फ़ैसले का स्वागत किया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की।

बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली की खबर से खुश हूं। यह हमारी मातृभूमि के लिए एकजुट होकर लड़ने और जीतने के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के संकल्प को और मजबूत करेगा। न्यायपालिका की जीत।’’

वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के ट्वीट को साझा करते हुए कहा, ‘‘नैतिक ब्रह्मांड का चक्र लंबा है लेकिन यह न्याय की ओर झुकता है।’’

न्यायपालिका पर और गहरी हुई लोगों की आस्था : अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में लोगों की आस्था और बढ़ गयी है।

यादव ने एक ट्वीट में कहा, ''सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी जी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है।''

उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ''भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए।''

इस बीच, राहुल को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में मिठाइयां बांटकर खुशियां मनायी गयीं।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ करने वाले उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

पार्टी राज्य मुख्यालय पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर मिठाइयां बांटी।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कराने के लिये पूरी साजिश रची थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय से देश के लोगों की लोकतंत्र और न्यायपालिका में आस्था और भी गहरी हो गयी है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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