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डीए बहाली से रेल कर्मचारियों में ख़ुशी, लेकिन एरियर्स सहित अन्य मांगों के लिए संघर्ष जारी!

IREF द्वारा देश भर में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से कोविड दिशा निर्देश का पालन करते हुए 1 जुलाई से 15 जुलाई तक़ जारी अभियान सम्पन्न हुआ।  इस अभियान में  डीए बहाली सहित एरियर्स सहित अन्य मांगों को उठाया गया। कर्मचारियों ने डीए बहाली पर खुशी जाहिर करते हुए बाकी मांगो पर संघर्ष जारी रखने का एलान किया है।
डीए बहाली से रेल कर्मचारियों में ख़ुशी, लेकिन एरियर्स सहित अन्य मांगों के लिए संघर्ष जारी!

आज गुरुवार को  इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन सम्बद्ध ऐक्टू ने देश भर में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से कोविड दिशा निर्देश का पालन करते हुए 1 जुलाई से 15 जुलाई तक़ जारी अभियान के आखिरी दिन डीए बहाली की खुशी जाहिर करते हुए एरियर्स सहित अन्य मांगों के लिए जारी रखने का एलान करते सम्पन्न हुआ।  

यूनियन ने बताया इस कार्यक्रम के तहत आर सी एफ़, कपूरथला, एम डी एफ़, पटियाला, एम सी एफ़, राय बरेली, सीएलडब्लू, चितरंजन, वी एल डब्ल्यू, वाराणासी, उत्तर रेलवे नई दिल्ली जोन, पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर जोन, उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन, पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन, पूर्व रेलवे कोलकाता जोन, दक्षिण पूर्व रेलवे कोलकाता जोन, ईस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर जोन, पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर, उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर इत्यादि जोन कार्यक्रम किया गया।

इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन केंद्रीय महासचिव  सर्वजीत सिंह ने कहा कि 1 जुलाई से 15 जुलाई तक़ लगातार मंहगाई भत्ते (DA)की किश्तें एरियर समेत बहाल करने का हम जो अभियान चला रहे थे, वो आज सरकार द्वारा रेलवे सहित केंद्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता बहाल करने की खुशी के साथ सम्पन्न हुआ है।

सरवजीत सिंह ने कहा कर्मचारियों में डीए बहाली की ख़ुशी है, लेकिन एरीयर्स स्प्ष्ट नहीं होने से निराशा भी है इसलिए एरियर्स सहित अन्य मांगों के लिए आगे की जंग अभी जारी रहेगी।

यूनियन ने अपने बयान में कहा, “इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन लगातार रेलवे कर्मचारियों के हित में हमेशा संघर्ष करता रहा है। आगे भी पुरानी पेंशन बहाली, नाइट ड्यूटी अलाउंस से 43600 रुपए की सीलिंग हटवाने हेतु, रेलवे के निजीकरण,   निगमीकरण, ट्रैक मैन को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने तथा अन्य विभागों की तरह ट्रैक मैन कैडर रिस्ट्रक्चरिंग लागू करवाने के लिए, शहीद रेल कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स घोषित करने के साथ ही सभी रेल कर्मचारियों का निःशुल्क 50 लाख रुपए का बीमा करने लिए, आठ घंटे का ड्यूटी रोस्टर लागू करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।”

एक्ट अप्रेंटिस को रेल में समायोजित करने के लिए, आयकर की सीमा 10 लाख किया जाय तथा रनिंग एलाउंस को आयकर मुफ्त करने, SSE, Ch, OS तथा इसके समकक्ष स्टाफ़ को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने की, 1800 ग्रेड पे में कार्यरत कर्मचारियों को 1900 में अपग्रेड करने की, MACP के तहत तीन के बजाए पांच पदोन्नति करते हुए इनका अंतराल क्रमशः 10, 20 व 30 वर्ष के बजाए 5,10 व 15 कराने के लिए, रेलवे में तत्काल भर्ती शुरू करवाने सहित अन्य मांगो के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा, “इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन अपने जन्मकाल से ही संघर्ष के लिए जाना जाता है, जो लोग कहते फिरते हैं कि संघर्ष से कुछ नहीं होता है, उन्हें IREF के संघर्ष से न सिर्फ़ सीखना चाहिए बल्कि IREF के संघर्ष से रेलवे कर्मचारियों के हित में हो रहे फैसले को नोटिस करते हुए IREF के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बड़े संघर्ष के लिए एकता बनानी चाहिए।”

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