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असल सवाल: सेना और अर्द्धसैनिक बलों में अब तक सवा दो लाख से ज़्यादा पद क्यों हैं खाली?

तमाम विवाद के बीच ये बात गायब है कि आख़िर सेना में भर्ती की स्थिति क्या है? कितने पद खाली पड़े हैं? सीएपीएफ और पुलिस में पदों पर भर्ती की क्या स्थिति है? क्योंकि युवाओं को सीएपीएफ और पुलिस में प्राथमिकता देने की बात कही जा रही है।
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युवा अग्निपथ योजना का पूरा देश में विरोध कर रहे हैं। कई राज्यों से हिंसा, आगजनी और तोड़-फोड़ की ख़बरें भी आ रही हैं। ये सब बताता है कि युवाओं में इस योजना को लेकर कितना व्यापक रोष है। सरकार ने युवाओं से किसी गंभीर संवाद की बजाय उनके खिलाफ युद्ध स्तर पर प्रोपगेंडा शुरू कर दिया है। मिथक बनाम तथ्य शीर्षक से पोस्टरों और वीडियो की बाढ़ आ गई है। मंत्री ट्वीट कर रहे हैं। कोई 20 लाख का फायदा बता रहा है तो कोई 30 लाख का। गोदी मीडिया इसे मास्टर स्ट्रोक बता ही चुका है। लेकिन तमाम विवादों के बीच ये बात गायब है कि आखिर सेना में भर्ती की स्थिति क्या है? कितने पद खाली पड़े हैं? और क्यों? जबकि भर्ती के लिए नौजवान लाइन लगाए हैं। सीएपीएफ और पुलिस में पदों पर भर्ती की क्या स्थिति है? क्योंकि युवाओं को सीएपीएफ और पुलिस में प्राथमिकता देने की बात कही जा रही है।

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सेना में भर्ती की स्थिति

कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुडा ने 28 मार्च 2022 को राज्यसभा में रक्षा मंत्रालय से कुछ सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि देश में सशस्त्र बलों में कमीश्नड और गैर कमीश्नड कर्मचारियों के कुल कितने पद रिक्त हैं? पिछले पांच सालों में प्रत्येक वर्ष भर्ती का ब्यौरा क्या है और भर्ती किए गए उम्मीदवारों की राज्यवार संख्या क्या है? ग्रामीण क्षेत्रों में भर्ती अभियान चलाने का क्या विचार है और तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? क्या कोविड की वजह से भर्तियों को रोका गया है तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

खाली पदों की संख्या

रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इन सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने लिखित जवाब में बताया है कि सेना में कमीश्नड और गैर कमीश्नड कुल1,45,327 पद खाली पड़े हैं। अधिकारी श्रेणी के 19,963 पद खाली पड़े हैं। इनमें चिकित्सा और दंत शाखा के पद शामिल नहीं है। सेना में 8139,नौसेना में 1557 और वायुसेना में 571 अधिकारी श्रेणी के पद खाली पड़े हैं। सैनिक और अन्य श्रेणी के कुल 1,25,364 पद खाली पड़े हैं। सेना के 108685, नौसेना के 11709 और वायुसेना के 4970 पद खाली पड़े हैं।

पिछले पांच साल में भरे गये पदों की संख्या

रक्षा मंत्रालय, राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा राज्यसभा सदन में दिये गए जवाब के अनुसार—

पिछले पांच सालों में देश में वायुसेना के लिए 168 भर्ती रैलियां आयोजित की गई हैं जिनमें 9124 उम्मीवारों को नामांकित किया गया है।

नौसेना में वर्ष 2017 में 5725, वर्ष 2018 में 5885, वर्ष 2019 में 6068, वर्ष 2020 में 2772 और वर्ष 2021 में 5547 पदों पर भर्ती की गई है।

भारतीय थल सेना में वर्ष 2017-18 में 50026 पदों पर, वर्ष 2018-19 में 53431 और वर्ष 2019-20 में 80572 पदों पर भर्ती की गई है।

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अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस में पहले से ही खाली पड़े हैं पद

सरकार कह रही है कि अग्निवीरों को चार साल के बाद अर्द्धसैंनिक बलों और पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन यहां पहले से ही बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। आइये, देखते हैं कि इन विभागों में भर्ती की स्थिति क्या है और कितने पद पहले से ही खाली पड़े हैं।

सीएपीएफ और संघीय राज्य क्षेत्र पुलिस बल के कुल 91,343पद खाली पड़े हैं, जिन्हें नहीं भरा गया है। सीएपीएफ और असम राइफल में पहले से ही 73,219 पद खाली पड़े हैं। अकेले संघीय राज्य क्षेत्रों में पुलिस में 18,124 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में युवाओं को दिये जा रहे है आश्वासनों पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

भर्ती रैलियों की स्थिति और आयु सीमा पार कर चुके उम्मीदवारों की स्थिति

रक्षा मंत्रालय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया है कि नौसेना में ऑनलाइन आवेदन द्वारा भर्ती की प्रक्रिया अपना ली गई है। इसलिये देश के किसी राज्य या संघीय क्षेत्र में भर्ती कैम्पों या भर्ती रैलियों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में सभी भर्तियां कोविड के कारण निलंबित हैं। कोविड की स्थिति के मूल्यांकन के बाद ही भर्तियों का आयोजन किया जा सकेगा। आयु सीमा पार कर चुके उम्मीदवारों के संदर्भ में भी 21 मार्च 2022 को राज्यसभा में रक्षा मंत्रालय से सवाल पूछा गया कि कोविड के कारण भर्तियां नहीं निकली हैं। परिणास्वरूप बहुत से इच्छुक नौजवान निर्धारित आयु सीमा पार कर गये होंगे। क्या उनकी संख्या पता लगाने के लिए कोई अध्ययन किया गया है? क्या इन नौजवानों को नियम में छूट देकर अवसर प्रदान किया जाएगा?

रक्षा मंत्रालय, राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है जिससे पता लगा पाएं कि कितने इच्छुक युवाओं ने निर्धारित आयु सीमा को पार कर लिया है। नौसेना ने कोविड के परिणामस्वरूप वर्ष 2021के प्रथम बैच की भर्ती के लिए एक विशेष मामले के तौर पर उम्मीदवारों को एक बारगी आयु सीमा में 6 महीने की छूट दी है। गौरतलब है कि युवाओं के व्यापक विरोध को देखते हुए अग्निपथ योजना के तहत भी आयु सीमा में दो साल की छूट दे दी गई है।

ऊपर दिये गये आंकड़े बता रहे हैं कि सेना और अर्द्धसैनिक बलों में भर्तियों की स्थिति क्या है? ऐसे में चार साल के रिटायरमेंट वाली अग्निपथ यौजना के प्रति गुस्सा और प्राथमिकता के आश्वासनों पर अविश्वास स्वाभाविक ही है। सवाल तो ये भी उठता है कि इन खाली पड़े पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा? सेना एक स्थायी सेवा है ये कोई निर्धारित समय सीमा में चलने वाला प्रोजेक्ट नहीं है जो कुछ समय बाद बंद हो जाएगा। तो एक स्थायी सेवा के लिए सरकार अस्थायी और अनुबंध पर भर्ती क्यों कर रही है?

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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