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रोहतक : सुपवा के छात्र 64 दिनों से हड़ताल पर, विवि ने 94 छात्रों के नाम काटे

पंडित लखमीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स की हालत इतनी ख़स्ता है कि अभी तक 2017 का बैच भी पासआउट नहीं हो पाया है। सिलेबस में त्रुटियाँ, संसाधनों की कमी जैसी मांगों के साथ छात्र 2 महीनों से ज़्यादा से हड़ताल पर हैं।
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फ़ोटो साभार : ट्विटर

हरियाणा के रोहतक में पंडित लखमीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के फिल्म एवं टीवी विभाग के छात्रों की हड़ताल को 2 महीने से ऊपर हो गया है। 29 जून को अपनी विभिन्न मांगों के साथ हड़ताल पर बैठे छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय की तरफ़ से पुलिस की ज़ोर ज़बरदस्ती तक का सामना करना पड़ा है। मगर  उनकी मांगें अभी तक बरक़रार हैं।

छात्रों के अनुसार, "8 अगस्त 2022 को विद्यार्थी रोज की तरह अपने धरना स्थल पर जाने के लिए विश्विद्यालय आए, लेकिन बिना कोई नोटिस दिए 2020 के 26 विद्यार्थियों के नाम काट दिए गए। जब प्रशासन से जवाब मांगा गया तो उन्होंने पूरी तैयारी के साथ पुलिस प्रशासन का सहारा लिया और पुलिस द्वारा विद्यार्थियों के साथ बदतमीजी व धक्का-मुक्की की गई, पुलिस प्रशासन ने विद्यार्थियों को धमकाया और कहा कि "विद्यार्थी के परिवार वाले जल्द माफी मांगने आयें" व उन्हें डराने-धमकाने की पुरजोर कोशिश की और अंदेशा दिया कि विद्यार्थियों पर जल्द एफ.आई.आर दर्ज की जाएगी। 3 बजे तक 2019, 2020 और 2021 बैच के 94 विद्यार्थियों के नाम विवि प्रशासन ने काट दिए।"

छात्र-छात्राओं की मांगें क्या हैं?

सुपवा के छात्र-छात्राएँ 2019 में सिलेबस बदले जाने, कम संसाधनों के बावजूद सीटें बढ़ाए जाने और नए सिलेबस में भी त्रुटियाँ होने जैसे मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं।

इससे पहले 2019 में 8 मांगों को लेकर प्रशासन से सहमति बनी थी लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ।

अपने आंदोलन के दौरान छात्रों ने अलग-अलग तरीकों से अपनी बात कॉलेज प्रशासन से लेकर आमजन तक पहुंचाने की कोशिश की है। धरनास्थल पर ब्रेख्त, कबीर गाते छात्र 64 दिन के आंदोलन के बाद भी अडिग और जोश से भरे नज़र आते हैं।

छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानियों का भेस धर कर भी अपनी मांगों को उठाया है।

यह धरना सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी के बैनर तले चल रहा है, जिसका कहना है, "24/7 चलने वाला यह धरना तब तक नहीं रुकेगा जब तक छात्रों की मांगे सुपवा प्रशासन द्वारा मानी नहीं जाती।"

केरल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में भी दर्ज करवाया गया विरोध

तिरुवनन्तपुरम में जारी फिल्म फेस्टिवल में भी सुपवा के छात्रों ने अपना विरोध दर्ज करवाया। छात्रों ने बताया कि उन्हें कैसी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी 4 फिल्में कार्यक्रम में वाहवाही लूट रही हैं जबकि प्रशासन ने उनके नाम ही काट दिये हैं।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए छात्रों ने बताया कि उनके विभाग में उचित संसाधन, ईक्विपमेंट नहीं हैं, सिलेबस में कमियाँ हैं, विद्यार्थियों की क्लास जैसे तैसे 'जुगाड़ू' रूप से चल रही हैं।

छात्रों का कहना है कि वह क्वालिटी ऑफ़ एजुकेशन के लिए लड़ रहे हैं, और अगर ये करना ग़लत है, तो वे ग़लत हैं।

छात्रों ने अपील की है, "सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी को अपना विरोध जताते  63 दिन से ज्यादा हो गया है, लेकिन प्रशासन से हुई कल रात मीटिंग में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। विद्यार्थियों का कहना है कि प्रशासन का रवैया तानाशाही है प्रशासन समाधान निकलने के पक्ष में नहीं है व विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। विद्यार्थियों ने मीटिंग में अपने सभी समझौते के पक्ष रखे लेकिन प्रशासन ने उन्हें सिरे से नकार दिया है। विद्यार्थी प्रशासन के तौर तरीके से खफा है, विद्यार्थियों का कहना है कि उनकी मांगें जायज व बुनियादी हैं। प्रशासन उनकी शिक्षा की गुणवत्ता का जिम्मा नहीं ले रहा है। ऐसे हालातों में विद्यार्थी आमजन, छात्र संगठनों, लेखकों, सामाजिक सरोकारों, बुद्धिजीवियों, युवाओं, कलाकारों से अपील कर रहे हैं कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और प्रशासन से समाधान निकलवाने में संगठन का सहयोग करें।"

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