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सऊदी की महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल-हथलौल को क़ैद की सज़ा सुनाई गई

सोमवार को सज़ा सुनाए जाने से पहले किसी विशेष अपराध को लेकर औपचारिक आरोप के बिना सऊदी की महिला अधिकार कार्यकर्ता वर्ष 2018 से जेल में हैं।
सऊदी की महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल-हथलौल को क़ैद की सज़ा सुनाई गई

सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी एसएबीक्यू के अनुसार सऊदी अरब की नारीवादी और महिला अधिकार से जुड़ी कार्यकर्ता लुजैन अल-हथलौल जो वर्ष 2018 के मई महीने से जेल में बंद हैं उन्हें टेररिज्म कोर्ट द्वारा सोमवार 28 दिसंबर को पांच साल और आठ महीने की जेल की सजा सुनाई गई। कई बड़ी हस्तियों, मानवाधिकार संगठनों, विश्व भर के नेताओं और अन्य लोगों द्वारा पुरजोर और भावुक अपील के बावजूद सऊदी की अदालत ने उन्हें उन आरोपों पर दोषी ठहराया है जिनमें 'परिवर्तन के लिए आंदोलन', 'विदेशी एजेंडे को बढ़ाना' और 'सरकारी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करना' शामिल है।

लुजैन की सजा सुनाने वाले जज ने कथित तौर पर कहा कि उन्होंने अपने अपराधों को बिना किसी दबाव के कबूल कर लिया है, हालांकि पिछले 2 वर्षों में सऊदी अधिकारियों द्वारा लुजैन को प्रताड़ित और बदसलूकी करने की कई रिपोर्ट सामने आए साथ ही बिना किसी आरोप या सुनवाई के लंबे समय तक हिरासत में रखने की कई रिपोर्ट भी सामने आई।

अतीत में सुनवाई प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी संदेह किया गया था कि सऊदी शासन उन्हें मुश्किलों का सामने करने के लिए मजबूर कर रहा है। हालांकि, सजा सुनाते समय अदालत ने कहा कि लुजैन को सुनाई गई सजा में दो साल और 10 महीने की कमी उस शर्त पर होगी जब वह अगले तीन साल में कोई अपराध नहीं करती हैं साथ ही साथ जब से उन्हें जेल में कैद किया गया है तब इस सजा की शुरुआत होगी।

इस सजा के तहत अदालत ने लुजैन को पांच साल की यात्रा पर प्रतिबंध भी लगा दिया और अपने खिलाफ इस फैसले की अपील करने के लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए लुजैन की बहन लीना अल-हथलौल ने सऊदी सरकार के पाखंड का उल्लेख किया। विशेष रूप से प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का जो रूढ़िवादी लोकतांत्रिक राज्य के 'प्रगतिशील सुधार' का प्रचार करते हैं जबकि ठीक इसी समय में शर्मनाक मुकदमों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन और सुधारों की मांग करने को लेकर लुजैन जैसे कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए, जेल भेजे गए और मुकदमा चलाया गया।

लुजैन उन सैकड़ों मानवाधिकारों और लोकतंत्र-समर्थक कार्यकर्ताओं में से एक हैं जिन्हें सऊदी सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, महिलाओं के समान अधिकार आदि जैसे मौलिक मानव और नागरिक अधिकारों की वकालत करने के लिए कैद किया और प्रताड़ित किया है। लुजैन को दर्जनों अन्य कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था जब वे दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर गाड़ी चला रही थी। इसके बाद उन्हें सऊदी खुफिया एजेंसी द्वारा हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई।

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