नये संसद भवन की कोई ज़रूरत नहीं है : नीतीश कुमार
नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के विपक्ष के आह्वान के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि नये संसद भवन की ‘‘कोई जरूरत नहीं’’ है।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि नया संसद भवन उन लोगों द्वारा इतिहास लिखने की कोशिश है जिनका स्वतंत्रता संघर्ष में कोई योगदान नहीं था।
कुमार ने इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को आमंत्रित नहीं किए जाने पर भी निराशा जतायी।
कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने घोषणा की है कि वह रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी। पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में उस दिन यहां एक दिन का अनशन करेगी।
बिहार (#Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (#NitishKumar) पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए संसद भवन निर्माण पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि संसद की क्या जरूरत थी। पहले की इमारत एक ऐतिहासिक थी। मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदल देंगे।… pic.twitter.com/y37M5uNrbz
— IANS Hindi (@IANSKhabar) May 27, 2023
मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘नये संसद भवन की कोई जरूरत नहीं है।...देश के स्वतंत्रता संघर्ष में जिन लोगों का कोई योगदान नहीं था वे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह काफी हैरान करने वाला है कि भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है।’’
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘जद(यू) का दृढ़ विश्वास के साथ यह मानना है कि राष्ट्रपति देश की संसदीय प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं और नरेंद्र मोदी सरकार को नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए उन्हें आमंत्रित करना चाहिए था।’’
दिल्ली में शनिवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल ना होने के अपने फैसले के बारे में नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘बैठक सुबह थी और उस समय मेरे पटना में अन्य कार्यक्रम थे इसलिए मैं दिल्ली नहीं जा सका। अगर बैठक दोपहर में होती तो मैं इसमें शामिल होता। मैंने मंत्रियों और अधिकारियों की एक सूची भेजी थी जो बैठक में भाग ले सकते थे, लेकिन केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए बिहार से कोई प्रतिनिधि आज की बैठक में भाग नहीं ले रहा है।’’
भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने पर कुमार ने कहा, ‘‘पहले 1,000 रुपये के नोट वापस लिए गए और अब 2,000 रुपये के...मैं उनके इरादे नहीं समझ पाया हूं।’’
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता पर चर्चा करने के लिए यहां गैर-भाजपा दलों की बैठक की संभावना से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे।’’
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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