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तिरछी नज़र: मोदी जी इतिहास लिख रहे हैं
मोदी जी मुझे इसीलिए पसंद हैं क्योंकि उन्हें पहले से ही पता होता है कि वे इतिहास लिख रहे हैं। यह सब कि वह इतिहास में लिखा जा रहा है पहले के राजाओं को नहीं पता होता था। मोदी जी को पता होता है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
01 Nov 2020
मोदी जी
फाइल फोटो।

हमें तो बहुत ही पसंद हैं हमारे अपने मोदी जी। उनकी सभी बातें हमें बहुत ही पसंद हैं पर उनका ड्रेसिंग सेंस, वे गज़ब ढा देते हैं। देखा नहीं है कितने शानदार कपड़े पहनते हैं। वे अपनी ड्रेसिज से भी इतिहास लिख रहे होते हैं। उनका वह दस लाख वाला सूट तो इतिहास में लिखा ही जायेगा। ओबामा भी देख कर आश्चर्य में पड़ गया था। बेचारे को शर्म आ रही थी कि कहाँ मैं सबसे अमीर देश का राष्ट्रपति और यहाँ मोदी जी के सामने फीका पड़ रहा हूँ। और वह सूट ही नहीं, मोदी जी की कोई भी जैकेट देख लो। एक से बढ़कर एक। कोई भी जैकेट दूसरी से उन्नीस नहीं ठहरती है। 

लेकिन पहनावा सब बेकार हो जाता है अगर एक्सेसरीज अच्छी न हों तो। मोदी जी की सबसे बड़ी खासियत यही है कि वे एक्सेसरीज भी ऐसी वैसी नहीं पहनते हैं। धूप का चश्मा ही मोदी जी डेढ़ लाख के करीब का लगाते हैं। कोई भी कितना भी पढ़ा लिखा हो, लिखने और दस्तख़त करने के लिए तो दस रुप्पली का पैन भी काम आ सकता है, पर मोदी जी अपनी जेब में कोई ऐसा वैसा पैन नहीं रखते हैं। मोन्टब्लैंक पैन लगा कर चलते हैं, जिसकी कीमत ही लाखों में हो सकती है। और घड़ी, वह भी लाखों की ही होती है, मोवाडो वाच। 

लेकिन आदमी पहनावे से ही नहीं बनता है, खाना भी अच्छा होना चाहिए। चेहरे की रंगत या तो खानपान से आती है या फिर मेकअप से। मोदी जी के चेहरे की गुलाबी रंगत तो देखिये। उसके लिए हमारे मोदी जी खाते हैं बेशकीमती मशरूम। सिर्फ दो लाख रुपये प्रति किलो की कीमत वाला। साग-सब्जी भले ही इतनी मंहगी हो जायें कि प्रजा को नसीब ही नहीं हो पायें पर राजा जी महंगे मशरूम खाते रहें, तो इतिहास बनता ही है। 

मोदी जी हीरा हैं, हीरा। कोहिनूर हीरा। जब खुद ही कोहिनूर हैं तो इतने सारे रत्न, नव रत्न रखने की क्या जरूरत है। चाचा नेहरू ने जो रत्न बनाये थे, पापा मोदी (बकौल ट्रम्प जी) उन्हें बेचने जा रहे हैं। ठीक ही तो है। चाचा नेहरू के जमाने की बात अलग थी। पर अब जब हमारे पास कोहिनूर मौजूद है तो इन छोटे मोटे रत्नों को रखने से क्या लाभ। तो हम इन रत्नों को बेचने जा रहे हैं और इन्हें इतिहास बनाने जा रहे हैं। 

हम बेच रहे हैं एलआईसी, एयर इंडिया, इंडियन ऑयल और वह सब कुछ जो हम बेच सकते हैं, और बिक सकता है। अगर अच्छा ग्राहक मिला तो इसरो को भी बेच देंगे। अब कलपना छोड़, जरा कल्पना कीजिए। ये ओएनजीसी, ये इंडियन आयल, अगर अम्बानी को मिल जायें तो एक ओर तो ये कम्पनियां इतिहास बन जायेंगी और दूसरी ओर अंबानी भी विश्व का सबसे अमीर आदमी बन इतिहास बना देगा। फिर विश्व का सबसे बड़ा नेता भी हमारे यहाँ और सबसे अमीर आदमी भी हमारे यहाँ। यह भी एक इतिहास बन जायेगा। सब कुछ ही ऐतिहासिक होगा।

इतिहास के नाम पर याद आया कि मोदी जी तो हर समय इतिहास लिखते रहते हैं, ऐतिहासिक काम करते रहते हैं। जब अशोक थे, वे कलिंग का युद्ध लड़ रहे थे। स्वयं उन्हें पता नहीं था कि वे इतिहास लिख रहे हैं। अकबर थे, वे शासन कर रहे थे। उन्हें भी नहीं पता था कि वे इतिहास लिख रहे हैं। राणा सांगा थे, राणा प्रताप थे, वे मुगलों के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे थे। तब न राणा सांगा को और न ही राणा प्रताप को पता था कि वे इतिहास रच रहे हैं। 

पर मोदी जी मुझे इसीलिए पसंद हैं क्योंकि उन्हें पहले से ही पता होता है कि वे इतिहास लिख रहे हैं। यह सब कि वह इतिहास में लिखा जा रहा है पहले के राजाओं को नहीं पता होता था। मोदी जी को पता होता है। बल्कि पहले से ही पता होता है कि वे इतिहास का एक नया पन्ना लिखने जा रहे हैं। उनका हर एक निर्णय ऐतिहासिक होता है और हर कदम इतिहास। 

यह जो इतिहास है न, हमेशा बड़े-बड़े लोगों का ही लिखा जाता है। इतिहास राजा का लिखा जायेगा, उसके अमीरों का लिखा जायेगा, उसकी प्रजा का नहीं। इतिहास अशोक का लिखा जायेगा, अकबर का लिखा जायेगा, गंगू तेली या भीखू किसान का नहीं। और इतिहास लंगड़े भिखारी का तो हरगिज ही नहीं लिखा जायेगा।

तो आज से कोई दो सौ साल बाद कोई जब भारत का इतिहास लिख रहा होगा तो वह भुखमरी के बारे में नहीं लिखेगा। वह यह नहीं लिखेगा कि भारत में कितनी जनता गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही थी। वह बीमारी और बेकारी के बारे में भी नहीं लिखेगा। वह लिखेगा कि भारत उस काल में बहुत ही समृद्ध था। भारत में उस समय बहुत ही अमीरी थी। भारत का राजा उस समय दस लाख रुपये का सूट पहनता था और डेढ़ लाख का धूप का चश्मा लगाता था। पैन और घड़ी भी वह लाखों की पहनता था। वह साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये के विमान में सवारी करता था और दो लाख रुपये किलो मिलने वाले मशरूम खाता था। भारत, जो किसी समय सोने की चिड़िया माना जाता था मोदी जी के काल में सोने के अंडे देने वाले मुर्गी माना जाने लगा था। 

सचमुच में मोदी जी इतिहास लिख रहे हैं। 

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

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Satire
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BJP

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