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जंगलराज कहां है? जंगलराज न कहो इस को

कटाक्ष: कहां तो यूपी में रामायण-महाभारत युग की वापसी हो रही है और कहां लोग पंचायत चुनावों में डेमोक्रेसी के लहू-लुहान होने से लेकर, मरने तक की अफवाहें फैला रहे हैं।
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भारतीय परंपरा और संस्कृति को विपक्ष तो विपक्षमीडिया वालों ने भी भुला दिया लगता है। बताइएयूपी के बीडीसी चुनाव में चीरहरण’ के दृश्यों को टेलीविजन पर देखकर भी इनकी समझ में इतनी सी बात नहीं आयी कि प्राचीन भारतीय संस्कृति की वापसी हो रही है। चाहें तो असली वाले भारतीय इसे घर वापसी’ भी कह सकते हैं।

पेट्रोल के दाम की तरहमोदी जी के राज में घर वापसी’ का भी जबर्दस्त विकास हो रहा है। सात साल पहले तक अव्वल तो घर वापसी ही नहीं होती थी और होती भी थी तो सिर्फ गैर-हिंदुओं की घर वापसी होती थी। बहुत हुआ तो आदिवासियों वगैरह की भी। पर अब ताबड़तोड़ विकास करदेश सब भारतीयों की घर वापसी तक पहुंच गया है। चाहें तो इसे घर वापसी’ का धर्मनिरपेक्षीकरण भी कह सकते हैं।

भागवत जी ने गलत थोड़े ही कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है। पर ऐसी गजब पॉजिटिविटी के बीच भीभाई लोग नेगेटिविटी में ही मुंह मार रहे हैंमहाभारत युग की वापसी तो देख नहीं रहे हैंउल्टे जंगल राज-जंगल राज का शोर मचा रहे हैं! जंगल राज कहकर महाभारत युग को जो करेंगे बदनामउन्हें माफ नहीं करेगा हिंदुस्तान। माफ करेंहिंदुस्तान नहींभारतवर्ष। वैसे आर्यावर्त ही क्यों नहीं!

लेकिन महाभारत युग की वापसी से ज्यादा कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है। योगी जी पक्के रामभक्त हैं। यूपी में वे राम राज्य ही लाए हैं और राम मंदिर लाने की तैयारी है। राम राज्य आ जाने और राम मंदिर आने के बीच के इंटरवल में महाभारत के कुछ सीन आ जाने का मतलब यह हर्गिज नहीं है कि योगी जी का राम राज्य कोई कॉमेडी है--फिल्म जाने भी दो यारो की जैसीजिसमें महाभारत के मंचन में रामायण घुस जाती है। नहींयोगी जी के राज में ऐसी किसी मिलावट की कोई जगह नहीं हैमहाभारत की मिलावट की भी नहीं। उनके यूपी में शुद्ध राम राज्य चल रहा है। बस बीच-बीच में सीन बदलने के बीचएकाध प्रसंग महाभारत का आ जाता हैपब्लिक को बैठाए रखने के लिए। रामायण-महाभारत में इतना घालमेल तो चलता ही है। हम तो वैसे भी रामायण और महाभारत का नाम हमेशा साथ-साथ लेते हैं। फिर भी चूंकि राम राज्य हैसो युद्ध तो हैपर दूसरों’ से;  महाभारत की तरह अपनों’ से नहीं। हां! अपना होकर भी कोई दलित-वलित अपना जाति  धर्म भुलाकर किसी और का धर्म हड़पने की कोशिश करता हैतो जरूर राम राज्य में उससे भी युद्ध होता है। पर योगी जी वाले राम राज्य में सब काम शासन ही नहीं करता है। शम्बूक की गर्दन उड़ाकर स्वधर्म की रक्षा अब ब्राह्मण-ठाकुर खुद ही कर लेते हैं! राम राज्य हुआ तो क्या हुआमोदी जी-योगी जी का डबल इंजन राजउसका भी विकास करके दिखा रहा है।

पर कहां तो यूपी में रामायण-महाभारत युग की वापसी हो रही है और कहां लोग पंचायत चुनावों में डेमोक्रेसी के लहू-लुहान होने से लेकरमरने तक की अफवाहें फैला रहे हैं। यह सही बात नहीं है। सही-गलत क्या यह तो सीधे-सीधे एंटीनेशनल कृत्य है। योगी जी के राम राज्य में अगर ऐसी एंटीनेशनल हरकतें करने वालों को सीधे-सीधे ठोक नहीं दिया जाता हैतो एनएसए में जेल में जरूर डाल दिया जाता है। आखिरकारऐसी अफवाहें फैलाने वाले राम राज्य का अपमान कर रहे हैं। और योगी जी अपना अपमान तो फिर भी सहन कर लेंपर न प्रभु राम का अपमान कभी बर्दाश्त कर सकते हैं और न मोदी जी का। अब योगी जी के राम राज्य में डेमोक्रेसी का सवाल उठाना तो ऐसे ही है जैसे परीक्षा में आउट ऑफ कोर्स सवाल पूछ करबच्चे को फेल कर दिया जाए। डेमोक्रेसी के नाम पर ऐसी बेईमानी से योगी जी को कोई नहीं हरा सकता है। कद मोदी जी से जरा छोटा सहीपर छाती तो योगी जी की भी छप्पन इंच की ही है। पंचायत चुनावों में तो पब्लिक ने भी हराकर देख लियायोगी जी का क्या उखाड़ लियाजिला पंचायतबीडीसीसब में आया तो योगी ही। बस जरा चुनाव आयोग का साथ मिलता रहेआगे भी आएगा योगी हीलिखवा कर रख लीजिए!

उनकी नीयत में खोट है जो मोदी जी की यूपी में पंचायती राज मेंचुने हुए प्रतिनिधियों और अध्यक्ष पदों की कथित लूट की तुलनाबंगाल में चुनाव में ऐसी ही लूट से करते हैं। कोई ऐसी तुलना कर ही कैसे सकता हैमाना कि पर्चे भरने वालों के पिटनेपर्चे छिनने-फटनेपर्चे जबर्दस्ती खारिज करने से लेकरप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त से लेकर किडनैपिंग तकखेला वहां भी हैयहां भी। लाठीगोलीबम की मारवहां भी है और यहां भी। और पुलिस का सत्तापक्ष का झंडा देखकर यह तय करना भी कि किसे सलाम किया जाएगा और कौन डंडा खाएगा। लेकिनये ऊपरी समानताएंवहां की और यहां की कुर्सी की लूट की मौलिक भिन्नता को छुपा नहीं सकती हैं। यूपी में योगी जी-मोदी जी रामायण-महाभारत काल को वापस लाने में लगे हैं और राम मंदिर के निर्माण में भीममता दीदी के बंगाल में राष्ट्र निर्माण का ऐसा कोई बड़ा उद्यम हो रहा है क्याजब योगी जी इतने बड़े काम में लगे हैंचुनाव में निष्पक्षता और स्वतंत्रता की चादर जरा सी छोटी पड़ ही गयीतो उसका इतना शोर क्यों मचाना! योगी जी ने चुनाव कराए तो हैं। बंदे नामजद करने का ही नाम बदलकर चुनाव कर देते तो!

सिर्फ चीर-हरण की इक्का-दुक्का घटनाओं से यह साबित नहीं होता है कि योगी जी यूपी में महाभारत युग ला रहे हैं। विरोधीपब्लिक के बीच इसकी अफवाहें फैलाने की कोशिश नहीं करें कि महाभारत युग का अंत इस बार भी पहले वाला ही होगा। महाभारत का एकाध प्रसंग बीच-बीच में आ भले जाता हैपर योगी जी यूपी में ला राम राज्य ही रहे हैं। इसलिएमहाभारत वाले नतीजे का कोई चांस नहीं है। फिरचुनाव रहे न रहेचुनाव में जीत किसी की भी होपर आएगा तो योगी ही!        

(इस व्यंग्य आलेख के लेखक वरिष्ठ पत्रकार और लोकलहर के संपादक हैं।) 

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