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चार महिलाओं ने आश्रम में जबरन रखने और दुष्कर्म करने का बाबा पर लगाया आरोप

महिलाओं को बाबा सच्चिदानंद के आश्रम में तब लाया गया जब वे 12 वर्ष की थीं। आरोप के अनुसार उन्हें नौ साल तक जबरन हिरासत में रखा गया और दुष्कर्म किया गया।

violence against women

उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले में चार महिलाओं ने बुधवार को बाबा सच्चिदानंद और उनके चार अनुयायियों के ख़िलाफ़ दुष्कर्म और अत्याचार करने का संगीन आरोप लगाया है। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सभी ने उनके साथ दुष्कर्म किया।

बस्ती ज़िले के एसपी संकल्प शर्मा के अनुसार चार महिलाओं ने बाबा सच्चिदानंद के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने शिकायत में कहा कि बाबा ने उन्हें जबरन बस्ती में अपने आश्रम में जबरन हिरासत में रखा और उनसे दुष्कर्म किया। महिलाओं ने उनके अनुयायिययों पर भी उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिलाओं ने कहा आदेश न मानने पर उन्हें प्रताड़ित किया गया।

शर्मा ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि "ये शिकायतें झारखंड से मिली हैं। महिलाओं को सच्चिदानंद के आश्रम में वर्ष 2008 में लाया गया था जब वे 12 वर्ष की उम्र की थीं। चारों महिलाओं ने कथित तौर पर शिकायत में कहा कि पिछले नौ वर्षों से बाबा और उनके अनुयायियों ने जबरन उन्हें आश्रम में रखा और उनसे दुष्कर्म किया।”

तब से ये पीड़ित महिलाएं आश्रम के भीतर ही रह रही थीं।शिकायतकर्ताओं ने बुधवार को स्थानीय मीडिया से कहा कि पूरे देश में बाबा सच्चिदानंद के कई आश्रम थे।

बस्ती पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद एक शिकायतकर्ता ने कहा कि "बाबा सच्चिदानंद ने मुझे और कई अन्य महिलाओं को आश्रम में जबरन रखा था और उनके अनुयायी हम पर नज़र रखते थे ताकि हमलोग न भाग सकें। बाबा सच्चिदानंद अकसर मुझसे दुष्कर्म करता था और इसके बाद उसके अनुयायी भी दुष्कर्म किया करते थे।"

शिकायतकर्ता ने कथित तौर पर आरोप में कहा कि "मैं यहां वर्ष 2008 में आई थी। उस समय मेरी उम्र 12 साल थी। उस वक्त मैं बहुत छोटी थी और पता नहीं था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। लेकिन जब मैंने बाबा की इस करतूत का विरोध करना शुरू किया तो उसके अनुयायियों और सहायकों ने मेरे साथ दुष्कर्म किया।"

शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस थाने के बाहर मीडिया से बात करते हुए एक अन्य शिकायतकर्ता ने कहा कि "हम किसी तरह आश्रम से भागने में कामयाब हुए। अब हम चाहते हैं कि पुलिस बाब और उसके गुंडों को गिरफ्तार करे और मुझे और अन्य महिलाओं की तरह मासूम लड़कियों के साथ किए गए जघन्य अपराधों के लिए दंडित करे। बाबा के अन्य अनुयायी भी हैं जो इसी प्रकार की प्रताड़ना से गुज़र रहे हैंपर वे आश्रम में रह रहे हैं। वे खुद ही नहीं बाहर नहीं आ पाएंगी और पुलिस को उन्हें बचाना चाहिए।

एसपी ने न्यूज़क्लिक को बताया कि वे फ़रार हुए बाबा को पकड़ने की कोशिश कर रहे थेउनके एक शिष्य को आश्रम से हिरासत में लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। आरोपी बाबा के आश्रम का नाम सत्यलोक आश्रम धार्मिक ट्रस्ट है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि क्या यह एक धार्मिक ट्रस्ट था। बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद इस ट्रस्ट के प्रमुख हैं जो देश भर में धार्मिक प्रवचन करते हैं।

शर्मा ने कहा कि "आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और बाबा की तलाशी के लिए छापे मार रहे हैं। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि बाबा की महिला शिष्या भी है जो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म करने में उनकी सहायता की थी।”

दिल्ली के बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित द्वारा दिल्ली के रोहिणी स्थित उनके आश्रम में कई महिलाओं को जबरन रखने का मामले सामने आने के बाद यूपी के इस बाबा द्वारा यौन उत्पीड़न की ख़बर के सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 100 से अधिक महिलाओं और नाबालिग़ लड़कियों को "पशु जैसी परिस्थितियोंमें बंद कर रखा गया था। राजधानी दिल्ली में बंद क़िलानुमा आश्रम में कई वर्षों तक महिलाओं से यौन शोषण किया गया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल तथा न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने दिल्ली में दर्ज एफ़आईआर की जांच के लिए सीबीआई निदेशक से तुरंत एक विशेष जांच दल (एसआईटीका गठन करने और लापता लड़कियोंयौन अपराधों और आश्रम में आत्महत्या का मामलों की शिकायतों से संबंधित मामले के रिकॉर्डों की जांच करने को कहा।

इससे पहले अगस्त में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को हरियाणा उच्च न्यायालय ने दो महिलाओं दुष्कर्म करने के मामले में दोषी ठहराया था। उसकी सजा के बादहरियाणा में बड़े पैमाने पर दंगे हुए और कई लोग घायल हुए वहीं कई लोगों की मौत हो गई। एक अन्य बाबा आसाराम बापू भी शाहजहांपुर के अपने भक्त की बेटी से दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे हैं।

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