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बुलंदशहर : पेड़ से बांधा, बेल्ट से पिटाई की, फिर गंजा कर लगवाए जय श्री राम के नारे

यूपी के बुलंदशहर में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक को मोबाइल चोरी के शक में बेरहमी से पीटा गया है।
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राज्य मे पुलिस के कामों की वाहवाही करते नहीं थकती उत्तर प्रदेश सरकार पर हर दिन सवाल खड़े होते हैं, और हर दिन उठने वाले सवाल शुरू मुस्लिमों के शोषण से ही होते हैं, चाहे वो फेक एनकाउटंर हो या फिर हिंसक भीड़ द्वारा पीटा गया कोई मुस्लिम शख्स।

या ऐसे कहिए कि देश और प्रदेश की मौजूदा सरकार का एजेंडा अब सफल होने लगा है, तभी तो कोई भी किसी से भी कभी भी जबरन जय श्री राम के नारे लगवाने लगता है, नहीं लगाने पर पीट देता है, यहां तक उसे और उसके समाज को नीचा दिखाने के लिए उसे गंजा तक कर दिया जाता है।

रही सही कसर हमारी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने का दावा करने वाली पुलिस कर देती है, जब वो पीड़ा देने वालों के बजाय पीड़ित को ही गिरफ्तार कर जेल भेजे देती है।

ये बात हम क्यों कह रहे हैं आप इस वीडियो में देख लीजिए...

सही मायने में ये वीडियो बहुत विचलित करने वाला है, और समाज को नीचा दिखाने वाला है। ख़ैर.. जिस शख्स को आप पेड़ से बंधा हुआ देख रहे हैं, उसका नाम साहिल है, इसपर आरोप सिर्फ इतना है कि इस पर मोबाइल चोरी करने का शक हुआ, जबकि अपराध आप ये कह सकते हैं कि ये मुसलमान है। कहने का मतलब ये है कि लोगों ने इसे पकड़ा, इसका नाम पूछा, और ये पता चलते ही कि ये मुसलमान है, इसे गंजा करवा दिया, और फिर पेड़ से बांधकर बेल्ट से पिटाई कर दी। लोग यहीं नहीं रुके, इसके बाद लोगों ने इससे जय श्री राम के नारे लगवाए, जब उसने नारे लगा दिए तब और ज़ोर से लगाने के लिए कहा गया।

मतलब अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये मामला मोबाइल चोरी के शक का है, तो आप ग़लत हैं, ये मामला तो ख़ुद को धर्म का ठेकेदार समझने वालों के रुतबे का है, यह उस झूठे विश्वास का है, कि अगर ये मुसलमान है तो चोर तो होगा ही।

आपको बता दें कि शर्मशार कर देने वाली ये घटना बुलंदशहर के सिकंदराबाद की है, जहां कंकोड़ के वैर गांव में रहने वाला साहिल पुताई का काम करता है। इसके साथ जो घटना घटी उसकी शुरुआत कैसे हुई पीड़ित युवक के पिता ने ख़ुद बताया।

इस वीडियो में जिस शख्स को आप देख रहे हैं उनका नाम शकील है, ये पीड़ित युवक साहिल के पिता है... रो रहे हैं, जो लाज़मी है। ये कह रहे हैं कि इनका बेटा पुताई का काम करता है, जब वो दोपहर में खाना खाने के लिए घर जा रहा था, तभी कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और गंजा कर के बेल्ट से पिटाई कर दी। हद तो तब हो गई जब वो पुलिस में शिकायत के लिए पहुंचे, क्योंकि शिकायत के बाद पुलिस ने उन्ही के बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिन लोगों के ख़िलाफ शकील ने शिकायत दर्ज कराई उन तीनों के नाम जेंद्र, सौरभ और धन्नी है। शकील के मुताबिक इसमें से एक माली है, दूसरा ठाकुरों का बेटा है और एक पंडित है।

इतना ही नहीं शिकायत करने के बाद शकील के परिवारवालों को धमकी भी दी जाने लगी, आरोपी दबंगों ने उनके घरपर धावा बोला, मारपीट की और देख लेने की धमकी दी। अब सवाल ये उठता है कि पुलिस ने आरोपियों को छोड़ पीड़ित को क्यों जेल भेज दिया? और जब मामला 13 तारीख को ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, तो अब तक पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया था?

ख़ैर.. जब मामला ज़्यादा तूल पकड़ने लगा तब एसएसपी श्लोक कुमार ने थाना प्रभारी कंकोड़ अमर सिंह को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया, जिसकी पुष्टि ख़ुद एसएसपी ने की...

मामले से संबंधित जानकारी पीड़ित साहिल की मां नूर ने भी दी.. उन्होंने बताया कि "रोज की तरह हमारा बेटा अपना काम करने गया था। वो दोपहर में खाना खाने आ रहा था, तभी गांव के दबंगों ने बेटे को उठा लिया। जिसके घर पर साहिल काम कर रहा था वो शाम को घर आए और बोले कि दोपहर में तुम्हारा बेटा 500 रुपये लेकर गया था, तब से काम पर नहीं लौटा है। इस पर हम लोगों ने उसकी खोजबीन शुरू की। अगले दिन हमें बेटे के साथ हुई घटना की जानकारी मिली तो थाने गए। पुलिस ने हमें धमकी दी और बेटे को ही जेल भेज दिया। बेटे को पीटने वाले कई बार समझौते के लिए फोन कर चुके हैं। जब हम लोगों ने समझौते के लिए मना कर दिया तो 3 बार घर पर आकर धमकी दी है। कहा है कि बचकर कहां जाओगे लौटकर तो इसी रास्ते से निकलोगे। हथियार लेकर हमारा पीछा कर रहे हैं। पुलिस ने भी हमारी कोई सुनवाई नहीं की।"

ख़ैर... अब मामले में ख़ुद एसएसपी ने बयान दिया है और कार्रवाई की जा रही है। लेकिन सवाल तो कानून व्यवस्था पर उठते हैं कि ये दिन प्रतिदिन लचर क्यों होती जा रही है।

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