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ब्लिंकिट के नए वेतन ढांचे के खिलाफ कर्मचारियों का संघर्ष जारी

नए वेतन ढांचे के तहत कर्मचारियों को सिर्फ 15 रुपए प्रति डिलीवरी का ही भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, कुछ समय स्लॉट (पीक आवर के अलावा) में प्रति-डिलीवरी राशि 15 रुपये से भी कम होगी। नया रेट कार्ड कर्मचारियों की कमाई को आधे से भी कम कर देगा।”
Blinkit

नई दिल्ली: जोमैटो के स्वामित्व वाली ग्रॉसरी डिलीवरी फर्म ब्लिंकिट के नए वेतन ढांचे के खिलाफ डिलीवरी कर्मियों मे भारी गुस्सा है और इसको  लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई हिस्सों में इसके डिलीवरी पार्टनर्स विरोध प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे है। कुछ दिन पहले कोलकाता में भी इसी तरह का विरोध हुआ था। जिस वजह से दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों मे ब्लिंकिट अपने ग्राहकों को सामान पहुंचा नहीं पा रहा है। सबसे बड़ा सवाल है अचनक ये कर्मचारी हड़ताल करने को क्यों मजबूर हुए?

इसपर हमने डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि प्रदर्शनकारियों के अनुसार पिछले सोमवार 10 अप्रैल आधी रात को पेश किया गया नया भुगतान प्रति डिलीवरी को घटाकर 15 रुपये कर दिया गया है।

डिलीवरी कंपनी, ब्लिंकिट के कामगारों द्वारा दिल्ली के कुछ इलाकों मे ये हड़ताल सोमवार से जारी है और आज एक सप्ताह के बाद 17 अप्रैल को भी हड़ताल जारी है। इस दौरान  ब्लिंकिट कामगारों ने कई जगह काली पट्टी बांधकर कंपनी की मनमानी और शोषणकारी नीतियों के खिलाफ ‘काला दिवस’ मनाया।

दिल्ली-भर में विभिन्न डिलीवरी स्टोर जैसे राणा प्रताप बाग, बुराड़ी, पीतमपुरा, पीरागढ़ी इत्यादि जगहों पर कामगारों ने कंपनी का पुतला फूंककर उसकी मनमानी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। इस बीच ऐप वर्कर्स यूनियन, दिल्ली-एनसीआर (ए.डबल्यू.यू.) डिलीवरी कंपनी, ब्लिंकिट के कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल का समर्थन करता है और इस मामले को केन्द्रीय श्रम मंत्रालय मे ले जाने का ऐलान करता है।

ज्ञात हो कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हजारों ब्लिंकिट कर्मचारियों कि यह हड़ताल कंपनी द्वारा लाए गए मनमाने नए रेट कार्ड (वेतन ढांचे) के खिलाफ है। ज्ञात हो कि जिन कर्मचारियों को ब्लिंकिट द्वारा 'डिलीवरी पार्टनर' कहा जाता है, उन्हें 10 मिनट के भीतर किराने के पार्सल देने के लिए बेहद शोषणकारी परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। शोषणकारी कार्य स्थिति के बावजूद, कंपनी देश के श्रम कानूनों के अनुसार कर्मचारियों को कोई भी सुविधा नहीं देती है। अब कंपनी नए वेतन ढांचे को लागू कर कर्मचारियों के लिए और भी अधिक शोषणकारी स्थितियां ला रही है।

कंपनी अपने डिलीवरी पार्टनरों  को श्रमिकों के बजाय "साझेदार" के रूप में परिभाषित करती है, यह गिग इकॉनोमी में एक सामान्य बात है।
ब्लिंकिट कर्मचारी, सचिन जो कि ए.डबल्यू.यू. के सदस्य हैं, ने कहा, “कंपनी पहले कर्मचारियों को 50 रुपये प्रति डिलीवरी देती थी, जिसे बाद में मनमाने ढंग से घटाकर 25 रुपए प्रति डिलीवरी कर दिया गया था। और अब पिछले सोमवार से नए वेतन ढांचे के तहत कर्मचारियों को सिर्फ 15 रुपए प्रति डिलीवरी का ही भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, कुछ समय स्लॉट (पीक आवर के अलावा) में प्रति-डिलीवरी राशि 15 रुपये से भी कम होगी। नया रेट कार्ड कर्मचारियों की कमाई को आधे से भी कम कर देगा।”

ब्लिंकिट की मूल कंपनी ज़ोमैटो है, जो कर्मचारियों के वेतन ढांचे में मनमाने ढंग से बदलाव करने के लिए बदनाम है। इससे पहले भी, इस तरह के ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म कंपनियों ने विभिन्न बहानों के तहत कर्मचारियों के पहले से ही कम वेतन को और भी कम करने का काम किया है। इन कंपनियों का मुनाफ़ा पिछले कई वर्षों में कई गुना बढ़ा है। जहां साल 2021 में स्विगी की कुल आय 2,547 करोड़ से बढ़कर साल 2022 में 5,700 करोड़ हो गई, वहीं जोमैटो की कुल आय 2018 में 388 करोड़ थी, जो साल 2022 में बढ़कर 4108.5 करोड़ तक पहुच गई। लेकिन इनके लिए काम करने वाले कर्मचारियों की स्थिति केवल बदतर ही हुई है।

कंपनी यह कहकर कर्मचारियों को धमकियां भी दे रही है कि नया वेतन ढांचा ऑप्ट-इन प्रक्रिया है। इसका तात्पर्य केवल यह है कि कंपनी ऐसे किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं देगी जो नए वेतन ढांचे का विकल्प नहीं चुनेगा। साथ ही, हड़ताल कर रहे कामगारों की कंपनी द्वारा आईडी बंद की जा रही है, जिसका मतलब उनको नौकरी से निकाला जाना है।

ऐप वर्कर्स यूनियन (ए.डबल्यू.यू.) ब्लिंकिट को नए वेतन ढांचे को मनमाने ढंग से लागू करने की भर्त्सना करता है और मांग करता है कि नए वेतन ढांचे को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। यूनियन यह भी मांग करता है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म कंपनियों की मनमानी और शोषणकारी नीतियों को तत्काल रोकने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। ए.डबल्यू.यू. ब्लिंकिट कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन करता है और यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारियों की मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहे। साथ ही, यूनियन इस मामले को केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ले जाने का ऐलान करता है।

Inc42 के सवालों का जवाब देते हुए, ब्लिंकिट के प्रवक्ता ने कहा, “हमने अपने भागीदारों के लिए एक नए वेतन ढांचे को पेश किया है जो ऑर्डर देने के उनके प्रयास के आधार पर उन्हें भुगतान देती है। यह एक ऑप्ट-इन अभ्यास है, और हमारी टीमें डिलवरी पार्टनरों के किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार हैं।"
न्यूज़क्लिक ने गुरुवार दोपहर को ब्लिंकिट को प्रश्नों वाला एक मेल भी भेजा है। हमे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। प्रतिक्रिया मिलने के बाद कॉपी को अपडेट कर दिया जाएगा।

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