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किसानों के मुद्दों पर पंजाब सरकार ने बनाई कमेटी, क्या MSP पर केंद्र से बनेगी बात?

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और कमेटी के ज़रिए किसानों की मांगों पर समाधान का आश्वासन दिया। किसानों ने MSP के मुद्दे पर केंद्र सरकार को भी चेतवानी दी है।
SKM

संयुक्त किसान मोर्चा के साथ पंजाब सरकार ने मंगलवार को एक बैठक की जिसमें किसानों के मुद्दे हल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। ये बैठक मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई। किसानों की प्रमुख मांगों में दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को उचित मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने की बात शामिल है। मुख्यमंत्री मान ने राज्य के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, और कमेटी के ज़रिए किसानों की मांगों पर समाधान का आश्वासन दिया। इसके अलावा किसान संगठनों ने MSP के मुद्दे पर केंद्र सरकार को भी चेतावनी दी है कि वे MSP के कानूनी अधिकार के लिए दिल्ली कूच भी कर सकते हैं। 

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम मान ने कहा कि कमेटी का नेतृत्व कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां करेंगे। इसके अलावा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और किसान संघों के प्रतिनिधि तथा कृषि विशेषज्ञ इसके सदस्य होंगे। ये कमेटी 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों की मांगें जल्द से जल्द पूरी हों।

इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मान की तरफ से ये भी कहा गया कि "पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक बूंद भी पानी अतिरिक्त नहीं है। 28 दिसंबर को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री की तरफ से बैठक बुलाई गई है जिसमें पंजाब का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा।”

बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि "एक जनवरी से 13 अप्रैल तक विशेष मुहिम चलाई जाएगी। इसमें ज़मीन का सहमति से बंटवारा करने के लिए गांवों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे।" उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि अगर किसानों का ज़मीन के स्वामित्व का कोई विवाद होगा तो वहां ज़मीन का स्वामित्व कब्जे के आधार पर कर दिया जाएगा।”

इसके अलावा कई अन्य सवालों पर भी मुख्यमंत्री ने जबाव दिया। मुख्यमंत्री ने गांवों में सहकारी सभाओं में नए खाते खोलने पर लगी रोक हटाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब किसान इन सभाओं में अपने खाते खोल सकते हैं, जिससे उन्हें लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरहिंद फीडर के टेलों पर पानी मुहैया करवाने के लिए लगाए गए 242 लिफ्ट पंपों को एक जनवरी से मुफ्त बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही बिजली वितरण निजी कंपनी को नहीं देने का भी आश्वाशन दिया।

 बैठक के बाद कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने बताया कि "ये बैठक किसानों के मुद्दे सुनने व उनके हल खोजने के लिए थी। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत 40 से अधिक संगठन भाग लेने पहुंचे थे। किसानों की जो ज़मीनें अदालती केस में फंसी हैं, उसका हल निकाला जाएगा। विवाद रहित ज़मीनों के सहमति से बंटवारे के लिए गांवों में कैंप लगाए जाएंगे।”

किसान नेता दर्शनपाल ने इस बातचीत के बाद कहा कि "बातचीत बढ़िया माहौल में हुई। बहुत सारे फौरी मामले थे जिनपर सरकार ने कहा है कि वो उन्हें पूरा करेगी लेकिन मामले नीतिगत और समय लगने वाले हैं जिसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। जिसमें कृषि मंत्री समेत पांच संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और कुछ अफसर भी शामिल होंगे।”

दर्शनपाल ने कहा, "मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि किसानों की मांगें जल्द पूरी होंगी जिनमें बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवज़े में वृद्धि, किसान आंदोलन के समय दिल्ली में जिन किसानों की मृत्यु हुई उनके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता और कुछ अन्य मांगे शामिल हैं। इस मीटिंग में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सवाल उठा। किसानों को मिलने वाले दाम और MSP में अंतर रहता है, इसे कम करने के लिए सरकार प्रोत्साहन राशि दे। हालांकि MSP का कानून केंद्र सरकार को बनाना है। केंद्र सरकार को MSP पर कानून बनाना चाहिए और किसानों का जो भी संघर्ष होगा उसमें पंजाब सरकार भी उनका साथ देगी, ये भरोसा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीटिंग में दिया है।"

इसके साथ मीडिया से बातचीत में दर्शनपाल ने इशारा किया कि 23 फसलों पर MSP के कानूनी अधिकार के लिए संयुक्त किसान मोर्चा दोबारा दिल्ली की तरफ कूच कर सकता है। दर्शनपाल ने बताया कि SKM की एक मीटिंग दिल्ली में 21 व 22 दिसंबर को रखी गई है जिसमें MSP को कानूनी अधिकार बनाने के मुद्दे पर अगले आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर SKM ‘ऑल इंडिया कॉल’ भी दे सकता है जिसमें दिल्ली की तरफ किसानों के कूच का भी आह्वान हो सकता है।

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