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नेपाल में दो दिन के भीतर दूसरा भूकंप

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप बृहस्पतिवार को सुबह पांच बजकर 13 मिनट पर आया, जिसका केंद्र काठमांडो से 750 किलोमीटर दूर बाजुरा जिले के खप्तद छेदेदाहा ग्रामीण नगरपालिका के काडा क्षेत्र में था।
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फ़ोटो साभार: पीटीआई

पश्चिमी नेपाल में बृहस्पतिवार को 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। इससे एक दिन पहले हिमालयी क्षेत्र में देर रात आए शक्तिशाली भूकंप से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी और पांच अन्य घायल हो गये थे।

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप बृहस्पतिवार को सुबह पांच बजकर 13 मिनट पर आया, जिसका केंद्र काठमांडो से 750 किलोमीटर दूर बाजुरा जिले के खप्तद छेदेदाहा ग्रामीण नगरपालिका के काडा क्षेत्र में था।

निगरानी केंद्र ने कहा कि अब तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

भूकंप की आशंका वाले हिमालयी राष्ट्र के डोटी जिले के खाप्ताद नेशनल पार्क में बुधवार रात दो बजकर 12 मिनट पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और गहरी नींद में सो रहे लोग आधी रात को अचानक घरों से बाहर भागने लगे।

भूकंप के झटके उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुरुग्राम और गाजियाबाद सहित पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए।

नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र पोखरेल ने बताया कि भूकंप से छह लोगों की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गये।

उन्होंने कहा कि सरकार ने स्थानीय प्रशासन को तुरंत राहत सामग्री बांटने और पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर प्रति व्यक्ति दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, छह घायलों को डोटी के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल दो अन्य लोगों को धांगढ़ी के सेती जोनल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बताया कि कम से कम 10 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं।

नेपाल सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल के अनुसार, तीन लोग लापता हैं और संदेह है कि पूर्वी चौकी में मकान ढहने के कारण वे मलबे में फंस गए हैं। नेपाल की सेना ने लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी है।

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा देर रात जब भूंकप आया तो पश्चिमी नेपाल में मौजूद थे। वह भूकंप के केंद्र से 160 किलोमीटर दक्षिण में धनगढ़ी जिले में चुनावी रैलियों के लिए गए हुए हैं। वह देश में 20 नवंबर को होने वाले संसद व प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के प्रचार के लिए वहां पहुंचे हैं।

पोखरेल के अनुसार, भूकंप के झटके धनगढ़ी में भी महसूस किए गए। हालांकि प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं।

नेपाल में 20 नवंबर को संघीय संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव होने हैं।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पोखरेल ने कहा कि घटना को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी नेपाल में प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार संबंधी कार्यक्रम में बदलाव किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री देउबा ने ट्वीट किया, ‘‘ डडेलधुरा भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं संबंधित अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को तेजी से अंजाम देने और घायलों को इलाज मुहैया कराने का निर्देश देता हूं।’’

नेपाल की सेना और पुलिस राहत एवं बचाव अभियान में जुटी है।

नेपाल में भूकंप का खौफ हर दम रहता है। 19 अक्टूबर को यहां 5.9 की तीव्रता का भूकंप आया था और तब भी लोग घबरा कर अपने घरों से बाहर आ गए थे। हालांकि किसी तरह के जानमाल की सूचना नहीं मिली थी।

नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 की तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में करीब नौ हजार लोग मारे गए थे और करीब 22 हजार अन्य लोग घायल हुए थे। इसमें आठ लाख से अधिक मकान, स्कूल व अन्य इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं थी।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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