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झारखंड के गिरिडीह में आदिवासी सभा का आयोजन, पारसनाथ पहाड़ी को ‘मुक्त’ कराने की मांग

भाषा |
मांग पूरी नहीं होने पर आदिवासियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हजारों आदिवासी पारंपरिक हथियारों और ढोल नगाड़ों के साथ पहाड़़ी पर पहुंचे।
Parasnath
हिंदुस्तान

झारखंड के गिरिडीह जिले में मंगलवार को बड़ी संख्या में आदिवासी पारसनाथ पहाड़ी के पास जमा हुए और राज्य सरकार व केंद्र से उनके पवित्र स्थल को जैन समुदाय के ‘‘कब्जे’’ से मुक्त करने का आग्रह किया।

मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हजारों आदिवासी पारंपरिक हथियारों और ढोल नगाड़ों के साथ पहाड़़ी पर पहुंचे।

पचास से अधिक निकायों का संगठन होने का दावा करने वाले ‘झारखंड बचाओ मोर्चा’ के एक सदस्य ने मंगलवार को दावा किया, ‘‘मरंग बुरु (पारसनाथ) झारखंड के आदिवासियों का जन्मसिद्ध अधिकार है और दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकती।’’

देश भर में जैन समुदाय के लोग पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में नामित करने वाली झारखंड सरकार की 2019 की अधिसूचना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। जैन समुदाय ने आशंका जताई है कि इससे पर्यटकों का तांता लग जाएगा। और पर्यटक उनके पवित्र स्थल पर मांसाहारी भोजन व शराब का सेवन कर सकते हैं।

जैन समुदाय के विरोध के बाद पारसनाथ पहाड़ियों में पर्यटन को बढ़ावा देने के झारखंड सरकार के कदम पर केंद्र ने रोक लगा दी थी, लेकिन अब आदिवासियों ने इस जगह पर अपना दावा जताया है।

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