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जाति सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए आर्थिक आंकड़े विधानसभा में करेंगे पेश: नीतीश

“अब, अगले कदम के रूप में, हम घरों की आर्थिक स्थिति जैसे विवरण रिकॉर्ड पर रखेंगे जो एक स्पष्ट तस्वीर पेश करेगा। विधानसभा के अगले सत्र में यह किया जायेगा।”
Chief Minister
Photo : PTI

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि परिवारों की आर्थिक स्थिति के साथ ही जाति आधारित सर्वेक्षण के तहत एकत्र किये गये विवरण राज्य विधानसभा में पेश किए जाएंगे।

कुमार ने दिग्गज समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर यहां आयोजित एक समारोह में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘हमने जो हासिल किया है, उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। अब, अगले कदम के रूप में, हम घरों की आर्थिक स्थिति जैसे विवरण रिकॉर्ड पर रखेंगे जो एक स्पष्ट तस्वीर पेश करेगा। विधानसभा के अगले सत्र में यह किया जायेगा।’’

यह पूछे जाने पर कि सर्वेक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) को आबादी का लगभग दो-तिहाई दिखाया गया है तो क्या ऐसे में आनुपातिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण में वृद्धि की जायेगी, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता कुमार ने इस सवाल को टाल दिया।

मुख्यमंत्री से इस आरोप के बारे में भी पूछा गया कि सर्वेक्षण में उनकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के ‘‘एमवाई’’ (मुस्लिम-यादव) के अनुरूप हेरफेर किया गया था, जिससे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव संबंधित हैं।

कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जो कहती है कि उस पर उन्होंने ‘‘कोई ध्यान नहीं दिया’’ और ऐसे में प्रतिक्रिया देने का कोई मतलब नहीं है जब केंद्र में सत्ता में होने के कारण उन्होंने मीडिया पर वस्तुत: कब्जा कर लिया है’’।

उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि अब मेरा अखबार पढ़ने का मन नहीं करता, जिसकी आदत मुझे छात्र जीवन से ही रही है। लेकिन युवा पत्रकारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक बार जब हम मौजूदा शासन व्यवस्था से छुटकारा पा लेंगे तो वे जल्द ही स्वतंत्र रूप से अपना काम कर सकेंगे।’’

उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उन नेताओं की शिकायतों से जुड़े सवालों को टाल दिया, जिन्होंने यह दावा करके सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर संदेह जताया है कि अधिकारी कभी भी उनके आवास पर नहीं गये।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
 

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