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क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी सुनवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वो दलित हैं।
bhim army protest
image credit- New Indian Express

महिलाओं के मुद्दों को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर अकसर सवाल उठते रहे हैं। रिपोर्ट दर्ज करने से लेकर कानूनी प्रक्रिया फॉलो करने तक आए दिन पीड़ित को ही प्रताड़ित करने के मामले सामने आ रहे हैं। बीते दिनों पुलिस को रोहतक हाइवे के नज़दीक ज़मीन में एक दलित हरियाणवी सिंगर का शव दबा मिला। मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

बता दें कि ये राजधानी दिल्ली के जाफरपुर कलां का मामला है। पीड़ित परिवार के मुताबिक सिंगर लड़की 11 मई से गायब थी, जबकि पुलिस ने कई शिकायतों के बाद 22 मई को एफआईआर दर्ज की। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी सुनवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वो दलित हैं।

क्या है पूरा मामला?

अंग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार, 23 मई को रोहतक हाइवे के नज़दीक ज़मीन में सिंगर का शव दबा पाया था जिसके बाद मंगलवार, 24 मई को उसके परिवार ने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। परिवार का आरोप है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो उन्हें नज़रअंदाज़ किया जबकि उनके पास सिंगर की लास्ट लोकेशन के फ़ुटेज भी मौजूद थे।

अख़बार के मुताबिक़, सिंगर सिविल डिफ़ेंस वॉलंटियर थी जिसने बाद में यूट्यूब पर अपने म्यूज़िक वीडियो अपलोड करने शुरू कर दिए थे। इसके बाद उसने सिंगिंग-डांसिंग शोज़ में भी परफ़ॉर्म करना शुरू किया था। बीते दो सप्ताह पहले वो लापता हो गई थी।

मृत सिंगर के पिता ने बताया, "वो हरियाणा और दूसरी जगहों पर कॉन्सर्ट और स्टेज शोज़ के लिए जाती थी। परिवार में वही इकलौती कमाने वाली थी। हमने आख़िरी बार उसे 11 मई को देखा था। वो बहुत ख़ुशी थी और एक म्यूज़िक वीडियो रिकॉर्ड करने जा रही थी। वो वापस नहीं लौटी। हमने उसे हर जगह ढूंढा और उसके दोस्तों से बात की। हमने अगले दिन का इंतज़ार किया।"

13 मई को सिंगर के परिवार ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था। लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से चले जाने को कहा। बाद में परिवार ने लड़की के एक दोस्त की सहायता से उसका लास्ट एक्टिव लोकेशन पता लगाया। परिवार का कहना है कि 16 मई को इसके ज़रिए हरियाणा के मेहम में एक ढाबे पर पहुंचे। सिंगर की बहन और पिता वहां पहुंचे और बड़ी मुश्किल से ढाबे के मालिक से सीसीटीवी फ़ुटेज प्राप्त की। फ़ुटेज में महिला एक सफ़ेद गाड़ी से निकल रही है और चल नहीं पा रही है जबकि पीली शर्ट में उसके साथ एक पुरुष है।

भीम आर्मी के साथ परिवार ने पुलिस के ख़िलाफ़ किया प्रदर्शन

मंगलवार को भीम आर्मी के सदस्यों के साथ परिवार ने पुलिस के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया और दावा किया कि सिंगर का गैंगरेप किया गया और पुलिस ने मदद की शुरुआती गुहार को नज़रअदांज़ किया, जिसके बाद उन्होंने ख़ुद उसके फ़ुटेज बरामद किए।

इस संबंध में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर मामले में समय पर कार्रवाई नहीं करने का पुलिस पर आरोप लगाया। चंद्रशेखर आजाद ने अपने ट्वीट में लिखा, "संगीता (बदला हुआ नाम) नाम की एक बेटी 11 मई से दिल्ली के जाफरपुर से लापता थी, कल उसका शव रोहतक में दफना मिला था। अपराधियों को बचाने के लिए पुलिस परिवार को गुमराह करती रही। कार्रवाई होती तो बेटी आज जिंदा होती। हमारी टीम रात12 बजे परिवार के साथ बारिश में थाने के बाहर डटी है।"

मृत पीड़िता सिंगर की बहन का दावा है, "हमने पुलिस को सूचित किया था और यहां तक कि फ़ुटेज भी दिए। उन्होंने कुछ भी करने से इनकार कर दिया और मेरे पिता के साथ दुर्व्यवहार किया। बाद में उन्होंने हमें बताया कि वो एक दिन में वापस लौट आएगी। सोमवार को हमें उसकी मौत की ख़बर मिली।"

पुलिस का क्या कहना है?

पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार को वापस लौटा दिया है। पुलिस का कहना है कि गैंगरेप के आरोपों को अभी साबित होना है लेकिन उनके पास सूचना है कि सिंगर को नशा दिया गया, अपहरण किया गया और गला घोंटकर मारा गया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया है जिनकी उम्र 20 साल से अधिक है और वो एक फ़ाइनैंस कंपनी में हेल्पर के तौर पर काम करते हैं। इनमें से एक अभियुक्त रवि पर पहले ही सिंगर ने रेप का केस दर्ज कराया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस और परिवार का कहना है कि रवि और सिंगर तीन साल पहले रिलेशनशिप में थे लेकिन बार-बार रवि के प्रताड़ित करने के बाद यह संबंध ख़त्म हो गया था। पुलिस सूत्रों ने अख़बार को बताया कि अभियुक्तों का कहना है कि उन्होंने खाने में नशे की गोलियां देने के बाद सिंगर की गला दबाकर हत्या की।

एक पुलिस अफ़सर ने अख़बार को बताया कि उन्हें इस हत्या के मक़सद की पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन ऐसा लगता है कि रवि बदला लेना चाहता था क्योंकि 2019 में उसके ख़िलाफ़ रेप का मामला दर्ज कराया गया था। अख़बार ने पुलिस से परिवार के इस मामले में लापरवाही के आरोपों पर जब बात करनी चाही तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।

वहीं इस मामले को लेकर रोहतक के एसआई विकास ने मीडिया को बताया कि उन्हें 22 मई की शाम भैनी-भरों गांव के पास एक क्षत-विक्षत शव मिला था और उस समय इसकी पहचान नहीं हो सकी थी। बाद में, उन्हें पता चला कि इस मामले में जफरपुर थाना, दिल्ली में धारा 365 आईपीसी के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद शव की पहचान एक हरियाणवी गायक के रूप में की गई थी। अब मामला दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है।

पूरी घटना पर ज़ाफरपुर पुलिस ने बताया कि मामले में हरियाणा के महम से एक आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उन्होनें मामले पर खुलासा करते हुए कहा कि आरोपियों ने महिला की हत्या की साजिश रची और म्यूजिक वीडियो बनाने के बहाने उसे रोहतक बुलाया।

घटना पर द्वारका के डीसीपी ने जानकारी देते हुए मीडिया से कहा, “14 तारीख को लड़की के गायब होने की सूचना मिली, जरूरी कार्रवाई और छानबीन के बाद हम 22 तारीख को आरोपी लड़कों तक पहुंचे। उन्होंने 11 तारीख को लड़की को बुलाया था। इसके बाद हरियाणा में रोहतक जिले के मेहाना में इसकी हत्या हो गई थी। 22 तारीख को हमने मुकदमा दर्ज करके अरेस्ट किया। इसी घटना के संबंध में मेहम थाने में भी धारा 302 और 201 का मुकदमा दर्ज किया है। आगे की कानूनी कार्रवाई को अमल में लाए जाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है और पुलिस इसमें कठोर से कठोर कार्रवाई करेगी।"

गौरतलब है कि ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट 2019 के हिसाब से भारत में हर दिन 10 दलित महिलाओं का रेप होता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2019 में देश में कुल 32,033 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 11 फ़ीसदी पीड़ित दलित समुदाय से थे। ध्यान रहे कि ये सरकारी आंकडें हैं और वो भी सिर्फ रिकार्डेड मामले हैं। जो मामले सामाजिक दवाब के कारण दर्ज ही नहीं किये गए उनका कोई हिसाब नहीं। आज भी हमारे समाज में दलित सत्ताधारियों के लिए वोट बैंक से अधिक कुछ खास मायने नहीं रखता, जहां दलितों को न्याय दिलाने के नाम पर राजनीति तो खूब होती है, पर जब मदद करने का समय आता है तब कोई आगे नहीं आता। जाहिर है जब रक्षक की भूमिका निभाने वाली पुलिस ही मदद नहीं करती, तो बाकी किसी से कोई उम्मीद नहीं रह जाती।

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