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मेरठ में मोदी रैली के दौरान न्यूज़क्लिक टीम पर हमला

मेरठ में मोदी की विजय संकल्प रैली को कवर करने के दौरान बीजेपी समर्थकों की भीड़ मुझ पर और मेरे सहयोगी ऑग्स्टीन लूथर पर हमलावर हो गयी। यूपी पुलिस और साथी सौरभ शर्मा का बहुत शुक्रिया कि आपने वक़्त पर हस्तक्षेप कर लिंच होने से बचाया।
मेरठ रैली का एक दृश्य

मेरठ में गुरुवार, 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैली में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बोल रहे थे। हर रैली की तरह  जनता के बीच मौजूद भाजपा समर्थक  मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान न्यूज़क्लिक टीम रैली के बीच लोगों तक पहुंची। बहुत लोगों ने हमसे रोज़गार, किसान संकट और सामाजिक मुद्दों पर बात की, ऐसा सुनकर मोदी समर्थक एक उग्र भीड़ हमारा पीछा करने लगी।

मैं लोगों से बात करने के बाद उनकी समस्याओं पर पीटीसी (पीस टू कैमरा) दे रहा था जैसे ही मैंने पीटीसी में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के भाषणों में आम लोगों समस्याओं को कोई जगह नहीं मिली। वैसे ही कुछ लोग हमारे ऊपर भड़कने लगे।  मैंने कहा कि आज के भाषणों में बेरोजगारी, कृषि संकट, महिला सुरक्षा आदि मुद्दे नहीं सुनाई दिए और भाजपा हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ किए गए हवाई हमले और मिशन शक्ति को भुनाने की कोशिश कर रही है तो मेरे आसपास खड़े कुछ लोगों ने गालियां देना शुरू कर दीं और मेरे अलावा कैमरे को संभाल रहे मेरे सहयोगी ऑग्स्टीन लूथर पर हमलावर हो गई।

गुस्साई भीड़ जिसने हमें घेर लिया, यह कहते हुए सुना गया: "हम आपके चैनल को जानते हैं। ये अभिसार वाला है ... आप मोदी के खिलाफ हैं", "तुम सब देशद्रोही हो, भगाओ इन्हें  यहां से", "देश के गद्दारों को, जूते  मारो सालों  को" और" गठबंधन ने कितने  पैसे दिए हैं?"

बीजेपी समर्थक भीड़ के इस रुख को देखते हुए मैंने पीटीसी को छोटा कर दिया, लेकिन जब तक हम अपना सामान समेट पाते, तब तक हम लगभग 100 लोगों से घिर चुके थे। आक्रोशित भीड़ हम पर गालियाँ निकाल रही थी और हमें एक वाद-विवाद में उलझाने और उकसाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन हमने  खुद को शांत रखने और इस भीड़ से दूर हटने का फैसला किया लेकिन तब भी भीड़ ने मेरे चेहरे को निशाना बनाने की कोशिश की।

हमारे एक अन्य सहयोगी, सौरभ शर्मा, जो कुछ दूरी पर रिकॉर्डिंग कर रहे थे, इस सबको देखकर दौड़कर हमारे पास आए और भीड़ को शांत करने की कोशिश की  लेकिन भीड़ उग्र और आक्रामक थी। अब हम सड़क पर पुलिस की सुरक्षा के  लिए दौड़े। लेकिन गुस्साई भीड़ ने पीछा करते हुए मोदी के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। यह सब तब हुआ जब प्रधानमंत्री का संबोधन अभी भी चल रहा था। बाद में यूपी पुलिस ने हस्तक्षेप किया तब हम वहां से सुरक्षित निकल पाए।

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