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मुंद्रा की सबसे महत्वपूर्ण स्कीम में पाया गया बैंक घोटाला

PNB की बाड़मेर ब्रांच बिना जाँच किये मुंद्रा को लोन दे रही थी
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नीरव मोदी के घोटाले ने जो जंगल की आग लगायी है वो धीरे-धीरे फैलती ही जा रही हैI इसमें अब दुसरे बैंक भी झुलसने लगे हैं और साथ ही प्रधानमंत्री की एक बहुत ही महत्वकांक्षी योजना भीI 21 फ़रवरी को सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की बारमेर (राजस्थान) शाखा के अधिकारी के खिलाफ़ मुद्रा योजना के अंतर्गत “धोखाधड़ी” से 62 लाख रूपये मूल्य के 26 लोन देने के लिए केस दर्ज़ कियाI

अपनी शिकायत में सीबीआई ने कहा है कि अधिकारी ने “बिज़नस और निवास स्थानों के उचित पूर्व-जाँच या व्यक्तिगत वेरिफिकेशन और लोन के अंतिम प्रयोग को तथा लोन राशी से उत्पन्न होने वाली संपत्ति की जानकारी के बिना ही” लोन दे दियाI     

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत ऐसी धोखाधड़ी करना खासतौर से काफी आसान है क्योंकि इसमें छोटे उद्यमों को 10 लाख रूपये तक का लोन दिया जाता हैI प्रधानमंत्री की इस मनपसन्द योजना में लोन के लिए कोलैटरल नहीं माँगा जाता और ब्याज़ की दर भी काफी कम हैI

मुद्रा एक पुन: फाइनेंस करने वाली योजना है यानी इसमें सीधे तौर से सरकार लोन नहीं देतीI बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, NBFC और MFI लोन देते हैंI मुद्रा वेबसाइट के मुताबिक अप्रैल 2015 में योजना की शुरुआत के बाद से अब तक 4.7 लाख करोड़ रूपये इसके लिए आबंटित किये जा चुके हैंI

बारमेर के केस ने सरकारी मेहेकमों को हरकत में ला दिया है क्योंकि अगर ऐसे ही और भी केस सामने आते हैं तो इस पूरी योजना ही कटघरे में आ जाएगीI इसमें इतनी बड़ी राशि निर्लिप्त हैI इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने मुद्रा लोनों का लक्ष्य बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रूपये कर दिया हैI ऐसा इस समझ से किया गया है कि देश में बढ़ती बेरोज़गारी से निबटने के लिए उन्हीं सबसे अच्छा उपाय स्व-रोज़गार देना ही लगाI 

बारमेर केस में आरोपी अधिकारी ने एक मामले के आलावा किसी भी अन्य मामले में व्यक्तिगत वेरिफिकेशन नहीं कियाI सीबीआई ने आरोप लगाया कि लोन के आवेदन पत्रों से “लगता है कि उन्हीं ऑफिस में ही बनाया गया है और नकली हैं”I यह भी सामने आया है कि कुछ कर्ज़दार बारमेर 100 किलोमीटर दूर रहते थे, जबकि बैंक को सिर्फ ब्रांच के 25 किलोमीटर रेडियस के अंदर रहने वाले लोगों को ही लोन देने की अनुमति हैI

नीरव मोदी के घोटाले के बाद सामने आये एक दूसरे बैंक घोटाले में सीबीआई ने दिल्ली के एक जौहरी के खिलाफ़ भी धोखाधड़ी का केस दर्ज़ किया हैI इसमें जौहरी ने ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स को 390 करोड़ रूपये का चूना लगाया, इसने भी उसी तरह के लेटर्स ऑफ़ क्रेडिट (LC) का इस्तेमाल किया गया है जो काफी हद तक नीरव मोदी द्वारा प्रयुक्त LOUs जैसे हैंI

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