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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: CPI(M) के दो कार्यकर्ताओं को जिंदा जलाया गया , दिन भर में 12 लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव शुरू होने के दिन आज प्रदेश भर से लगातार हिंसा की खबरें आ रही है I बताया जा रहा है कि अब तक इस हिंसा में 12 लोगों की मौत हुई है I
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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव शुरू होने के दिन आज प्रदेश भर से लगातार हिंसा की खबरें आ रही है I बताया जा रहा है कि अब तक इस हिंसा में 12 लोगों की मौत हुई है I इस हिंसा के दौर के बीच बंगाल के 24 दक्षिण परगना में CPI(M) के दो कार्यकताओं को निर्ममता से जिंदा जलाये जाने की खबर आ रही है I रिपोर्टों के मुताबिक ये दोनों कार्यकर्ता पति-पत्नी थे और दिन भर पंचायत चुनावों के लिए पार्टी का प्रचार करने के बाद रात को अपने झोपड़े में सो रहे थे , जब उनके घर को आग लगायी गयी I महिला का नाम उषारानी दास है और उनके पति का नाम देबू दास बताया जा रहा है I आरोप ये है कि ये आग तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोगों द्वारा लगाई गयी है I पुलिस के मुताबिक रात 1 बजे उनके घर पर आग लगाई गयी और सुबह उनकी जली हुई लाश मिली I

CPI(M) के दो कार्यकर्ताओं को जलाये जाने की घटना के बाद पार्टी ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है I

इस चिठ्ठी में CPI(M) 24 दक्षिण परगना के सचिव समिक लहीरी ने लिखा है कि कल सुबह TMC के स्थानीय उम्मीदवार अमित मंडल और उनके साथियों ने देबू और उनकी पत्नी को धमकाया था I जब ये दोनों कार्यकर्ता धमकियों से नहीं डरे तो उन्हें इस तरह निर्ममता से   मौत के घाट उतार दिया गया I चिट्ठी में आगे कहा गया है कि चुनाव आयोग, चुनावों के दौरान लगातार हो रही हिंसा में मूक दर्शन बना रहा I इसमें सवाल किया गया है कि चुनाव आयोग कितने लोगों की मौतों का इंतज़ार है ये समझने के लिए कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है I CPI(M) इसके खिलाफ दोपहर 3 बजे से प्रदर्शन कर रही है I

गौरतलब है कि इस घटना से दो दिन पहले ही CPI(M) के एक और कार्यकर्त्ता हफीज़ुल मोल्ला की तथाकथित तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा हत्या कर दी गयी थी I

सुबह से आ रही खबरों के हिसाब से अब तक राज्य भर में कम से कम 12 लोगों के मरने की खबर आ रही है और बताया जा रहा है कि 5 पत्रकार भी इस हिंसा में घायल हुए हैं I ख़बरों के मुताबिक कई जगहों पर मत पेटियों में आग लगाई गयी, कई जगह मत पेटियों में पानी डाल दिया गया और कई जगह पुलिस की मौजूदगी में पोल बूथ पर कब्ज़ा कर लिया गया I इसके साथ ही उत्तर 24 परगना में तथाकथित तौर पर TMC के गुंडों ने बीजेपी के एक कार्यकर्ता पर चाकू के हमला किया I

24 दक्षिण परगना से 2 और लोगों की मरने और 13 लोगों के घायल होने की खबर आ रही है I ये तब हुआ जब इस इलाके में TMC और Jibika Poribesh O Bastutantra Andolan Committee (JJPOBC) के कार्यकर्ताओं के बीच में झड़प हुई I रिपोर्टों के अनुसार इसी इलाके में TMC के गुंडों ने 102 पोलिंग बूथों पर कब्ज़ा भी कर लिया है I

इन घटनाओं पर चुनाव आयोग ने कहा  ''मतदान शुरू होने के तीन घंटे से भी कम समय में राज्य निर्वाचन आयोग को कई जिलों से हिंसा की शिकायतें मिलने लगी. आयोग ने पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा है. उत्तर 24 परगना, बर्द्धवान, कूचबिहार और दक्षिण 24 परगना जिलों से हिंसा की रिपोर्टें मिली हैं.''

हमें याद रखना होगा कि जबसे इन पंचायत चुनावों की घोषणा हुई तबसे ही लगातार विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं और उन्हें नामांकन भी दायर करने नहीं दिया जा रहा I 5 अप्रैल को CPI(M) के केंद्रीय समिति के सदस्य रामचन्द्र डोम पर TMC के गुंडों द्वारा तब हमला किया गया जब वह अपना नामांकन दायर करने जा रहे हैं I इसके बाद उनके सर में बहुत गहरी चोट आयी थी I

इसी तरह पूरे बंगाल में 200 से ज़्यादा विपक्षी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को घायल किया गया और 6 लोगों को क़त्ल कर दिया गया था I इसके आलावा अप्रैल में 70 से ज़्यादा पत्रकारों पर हमले हुए, इन हमलों के ज़्यादातर आरोपी सत्ताधारी TMC से जुड़े हुए हैं I

उम्मीवारों द्वारा नामांकन दायर न किये जाने की वजह से TMC 34% सीटों पर यूँही जीत गयी I चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 48650 ग्राम पंचायत की सीटों में से TMC पहले ही 16814 सीटों पर निरविरोध ही जीत गयी I

यही वजह थी कि सभी विपक्षी पार्टियों के द्वारा हाईकोर्ट में की गयी अपील पर कोर्ट ने नामांकन की तारिख को 9 अप्रैल से आगे बढाया था I इसके बाद 8 मई को एक एतिहासिक निर्णय में कोलकत्ता हाई कोर्ट ने को ई-मेल के ज़रिये नामांकन दयार करने को वैध माना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसपर रोक लगा दी थी I

आज चुनावों के दौरान लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं से बंगाल में सुरक्षा व्यवस्था और वहाँ मौजूद लोकतान्त्रिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं I

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