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बिहार: आशा वर्कर्स का बड़ा विरोध प्रदर्शन, सीएम के नाम सौंपा 9 सूत्री मांग पत्र

"अगर सरकार की तरफ़ से 11 जुलाई तक मांगें पूरी नहीं की गईं तो 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत होगी जिसकी सारी जवाबदेही राज्य व केंद्र की मोदी सरकार की होगी।"
Asha workers protest

आज बिहार में आशा संयुक्त संघर्ष मंच के आह्वान पर पटना सिविल सर्जन के सामने आशा वर्कर्स और फैसिलिटेटर्स ने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। अपनी तमाम मांगों की पूर्ति को लेकर पटना जिला की सैंकड़ों आशा वर्कर्स ने आज अपना विरोध दर्ज कराया और मुख्यमंत्री के नाम अपना 9 सूत्री मांग पत्र पटना सिविल सर्जन को सौंपा।

आज के इस राज्यव्यापी प्रदर्शन का आह्वान बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ व बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ (जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ-सीटू) के संयुक्त संघर्ष मंच ने किया था।

प्रदर्शन के बीच बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट-ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार तथा बिहार राज्य जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सहायक महामंत्री विश्वनाथ सिंह ने संयुक्त तौर से बताया कि "आज का राज्यव्यापी प्रदर्शन सरकार को सचेत करने और मांगें पूरी करने के लिए किया गया है। बजट सत्र के दौरान विधान सभा के अंदर आशा वर्कर्स के बारे में सहानुभूति पूर्वक विचार के साथ अगर सरकार की तरफ़ से 11 जुलाई तक मांगें पूरी नहीं की गईं तो 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत होगी जिसकी सारी जवाबदेही राज्य व केंद्र की मोदी सरकार की होगी।"

उक्त नेताओं ने कहा कि "आशा व आशा फैसिलिटेटर्स का यह आंदोलन राज्य व केंद्र की मोदी सरकार दोनों के खिलाफ है, मोदी सरकार ने अपने 9 वर्षी के शासन में बिहार व देश भर की आशाओं के लिए एक रुपया बढ़ाना तो दूर बल्कि अब तक किसी भी केंद्रीय बजट मे आशाओं के हक में चर्चा तक नहीं किया जबकि पटना उच्च न्यायालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के दौरान आशा वर्कर्स के कार्यों की सराहना की है।"

आशा नेत्री शशि यादव व विश्वनाथ सिंह ने बताया कि "आज पटना समेत राज्य के लगभग 400 से अधिक सिविल सर्जन के समक्ष बिहार के 25 हज़ार से अधिक आशा फैसिलिटेटर्स ने प्रदर्शन किया और राज्य के विभिन्न सिविल सर्जन को मुख्यमंत्री के नाम 9 सूत्री मांग पत्र सौंपा।"

आज पटना सिविल सर्जन के समक्ष हुए इस धरना प्रदर्शन के दौरान हुई सभा को आशा संयुक्त संघर्ष मंच से जुड़े बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट-ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार और बिहार राज्य जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सहायक महामंत्री विश्वनाथ सिंह आदि ने संबोधित किया।

प्रदर्शन की मुख्य मांगें:

प्रदर्शन के दौरान आशा वर्कर्स ने कई मांगें कीं, जैसे, पारितोषिक नहीं मासिक मानदेय दिया जाए, एक हज़ार नहीं बल्कि 10 हज़ार मानदेय दिया जाए और सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।

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