दिल्ली: शाहीन बाग़ समेत सभी प्रदर्शन स्थलों को पुलिस ने खाली कराया

दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले 101 दिन से चल रहे लगातार प्रदर्शन को खत्म कर दिया गया है। बड़ी संख्या में पुलिस मंगलवार सुबह प्रदर्शन स्थल पर पहुंची और प्रदर्शन स्थल को खाली करवाया। हालांकि इसके कुछ देर बाद फिर बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन स्थल के करीब जुटने लगे। फिलहाल पुलिस उन्हें किसी तरह सड़क से हटा घर भेजने की कोशिश में जुटी है। दिल्ली में फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है, धारा 144 भी लगाई गई है। लोगों से घर में रहने को कहा गया है जिससे कोरोना ज्यादा न फैल पाए। पुलिस ने इसके साथ हौजरानी, जामिया, जाफराबाद, तुर्कमान गेट समेत सभी प्रदर्शन स्थलों को खाली करवा दिया है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस के दक्षिण पूर्वी ज़िले के डीसीपी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बताया, 'शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों से लॉकडाउन के चलते जगह खाली करने की अपील की गई थी लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद उन पर कार्रवाई करनी पड़ी। प्रदर्शन स्थल को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। हालांकि इस कार्रवाई में हमें कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लेना पड़ा है।'
वहीं, ज्वाइंट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा, 'कोरोना वायरस के बढ़ने के कारण लोगों से अपील की जा रही थी। लोकल भी हमसे मांग कर रहे थे। आज सुबह हमने इस कार्रवाई की शुरुआत की सात बजे। शुरुआत में कुछ शरारती तत्व माहौल को बिगाड़ना चाहते थे। वे नहीं माने, तो उन्हें हिरासत में लिया गया है।'
फिलहाल पुलिस ने धरने वाली जगह से टेंट पूरी तरह हटा दिया है। साथ ही पुलिस लगातार गलियों में जमा भीड़ को समझाने की कोशिश कर रही है। शाहीन बाग़ के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि पूरे शाहीन बाग़ में ही सुरक्षा बल तैनात है। इसके अलावा प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती है। बड़ी संख्या में महिला सुरक्षा बल भी प्रदर्शन स्थल पर तैनात हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, शाहीन बाग़ से कुल 9 लोग हिरासत में लिए गए। जिसमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष हैं।
आपको बता दें कि शाहीन बाग़ में बीते साल 15 दिसंबर से ही नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाएं कर रही थी। इससे पहले रविवार को जनता कर्फ्यू के दिन शाहीन बाग़ में पेट्रोल बम फेंके गए थे। हालांकि हमले में कोई घायल नहीं हुआ था। उस दिन लोग सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर अपनी चप्पलों को प्रदर्शन स्थल पर छोड़कर गए थे और कुछ एक बुर्जुग महिलाएं ही वहां मौजूद थीं।
गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रही महिलाओं से कहा गया था कि वो अपना प्रदर्शन समाप्त कर दें लेकिन उनका कहना था कि प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन के आयोजकों ने यह जरूर कहा था कि संक्रमण का ध्यान रखते हुए कम संख्या में ही महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होगी।
हालांकि कोरोना वायरस के चलते प्रदर्शनकारियों में मतभेद की खबरें भी लगातार सामने आ रही थीं। खबरों के मुताबिक इसे लेकर रविवार को दो गुट आपस में भिड़ गए थे। दोनों पक्षों में करीब आधे घंटे तक मारपीट और गालीगलौज हुई। एक पक्ष चाहता था कि पीएम के जनता कर्फ्यू के ऐलान का समर्थन किया जाए जबकि दूसरा पक्ष इसे मानने को तैयार नहीं था। इसी बात पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। हालांकि, बाद में मामला शांत करवा दिया गया था।
जाफराबाद, हौजरानी, तुर्कमान गेट समेत अन्य प्रदर्शन स्थल को भी पुलिस ने कराया बंद
दिल्ली के शाहीन बाग़ को खाली कराने के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे जाफराबाद, तुर्कमान गेट, जामिया, हौजरानी पर विरोध प्रदर्शन को भी पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते बंद करा दिया है। इन जगहों पर भी कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया। यहां भी लंबे समय से प्रोटेस्ट चल रहा था। ज्यादातर जगहों पर पुलिस ने सुबह करीब 7 बजे से कार्रवाई शुरू की थी।
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