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नूंह हिंसा के बाद कितना बदल गया मेवात, क्या सोचते हैं मेव मुसलमान?

31 जुलाई को नूंह हिंसा हुई, जिसके बाद बुलडोज़र एक्शन और धरपकड़ और गिरफ़्तारियों का दौर चला, इन सबके बाद मेवात कितना बदल गया, क्या चल रहा है वहां रहने वाले लोगों के दिलों में?

31 जुलाई को नूंह हिंसा हुई, जिसके बाद बुलडोज़र एक्शन और धरपकड़ और गिरफ़्तारियों का दौर चला, इन सबके बाद मेवात कितना बदल गया, क्या चल रहा है वहां रहने वाले लोगों के दिलों में? क्या नूंह हिंसा का असर वहां के लोक गीतों पर भी पड़ा है? कुछ साल पहले तक समाज में जो हो रहा था उसे अपने गीतों के माध्यम से पेश करने वाले यहां के लोग गायक मिरासी नूंह हिंसा पर ख़ामोश हैं। वो कहते हैं ''भाईचारा लौटने पर फिर से लिखेंगे''।

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