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उच्च न्यायालय में रिलायंस का हलफ़नामा झूठे दावों से भरा है: किसान समिति

‘‘रिलायंस इंडस्ट्री का हलफनामा झूठे दावों से भरा है कि वह कृषि बाजार में प्रवेश नहीं कर रही है और खेती की जमीन पर कब्जा नहीं कर रही है। रायगढ़, महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर, भूमि के बड़े हिस्से को रिलायंस ने अपने कब्जे में ले लिया है और उसे कोई भी झूठा दावा करने से पहले उन भूखंडों को वापस करना चाहिए।’’
उच्च न्यायालय

चंडीगढ़: रिलायंस के उसकी नेटवर्क अवसंरचना को नुकसान पहुंचाये जाने और उसके स्टोर को जबरदस्ती बंद कराये जाने के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख करने के कुछ घंटों बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि अदालत में फर्म द्वारा दायर हलफनामा ‘‘झूठे’’ दावों से भरा है।

देश में 250 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा अदालत में दिया गया हलफनामा केवल ‘‘अपने व्यावसायिक हितों की पूर्ति करने की चाल’’ है।

समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्री का हलफनामा झूठे दावों से भरा है कि वह कृषि बाजार में प्रवेश नहीं कर रही है और खेती की जमीन पर कब्जा नहीं कर रही है। रायगढ़, महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर, भूमि के बड़े हिस्से को रिलायंस ने अपने कब्जे में ले लिया है और उसे कोई भी झूठा दावा करने से पहले उन भूखंडों को वापस करना चाहिए।’’

रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख कर उसकी नेटवर्क अवसंरचना को नुकसान पहुंचाने और उसके स्टोर को जबरदस्ती बंद कराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया।

रिलायंस ने कहा है कि देश में वर्तमान में जिन तीन कृषि कानूनों पर बहस हो रही है, उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, और इससे किसी भी तरह से उन्हें लाभ नहीं है।

कंपनी ने कहा कि वह ‘‘कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग’’ नहीं करती है और उसने ‘‘कॉरपोरेट’ या ‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग’ के उद्देश्य से पंजाब/हरियाणा या भारत में कहीं भी, किसी भी कृषि भूमि को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं खरीदा है।’’

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