NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़ रुपये की एक्सपायर दवाओं का स्टॉक पकड़ा, जो पड़े-पड़े बेकार हो गई हैं।
सोनिया यादव
21 May 2022
up

कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उत्तर प्रदेश लगातार सुर्खियों में रहा। कभी ऑक्सीजन और हॉस्पिटल बेड की कमी से मरते लोगों की दर्दभरी कहानी सुनने को मिली तो कभी गंगा में मिल रही लाशें और अस्पतालों के फर्श पर बिना इलाज के तड़पते मरीज़ों की तस्वीरें सामने आईं। लेकिन हर बार सरकार यही कहती रही की सब ठीक है। हालांकि अब प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़ रुपये की एक्सपायर दवाओं का स्टॉक पकड़ा, जो पड़े-पड़े बेकार हो गई हैं। इस दौरान मंत्री जी ये भी कहते नज़र आए कि ‘लोगों को मारने के लिए रखी हैं दवाएं?’

बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब ब्रजेश पाठक ने इस तरीके का औचक निरीक्षण किया हो। इससे पहले भी 12 मई को लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी ऐसी कार्रवाई हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निरीक्षण के दौरान अस्पताल में करीब 2 लाख 40 हजार दवाएं एक्सपायर मिली थीं। इन दवाइयों को स्वास्थ्य विभाग को वापस भी नहीं लौटाया गया था। उन दवाओं की कीमत 50 लाख रुपये से भी अधिक बताई गई थी। डिप्टी सीएम ने इस लापरवाही के लिए भी जांच करने और कार्रवाई के आदेश दिए थे। हालांकि उस जांच का क्या हुआ ये शायद ही किसी को पता हो।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शुक्रवार, 20 मई को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं अचानक लखनऊ स्थित यूपी मेडिसिन सप्लाई कॉरपोरेशन के गोदाम पहुंचे। वहां पहुंचते ही उन्होंने दवाओं की छानबीन शुरू करने के साथ ही उनकी उपलब्धता और सप्लाई को लेकर भी रिपोर्ट देखी। इस निरीक्षण का एक वीडियो भी शेयर किया गया। इसमें ब्रजेश पाठक गोदाम के कर्मचारियों से दवाओं की एक्सपायरी डेट और उसको रखे जाने वाले तापमान को लेकर पूछताछ करने नजर आ रहे हैं। इस पूरी कार्रवाई को ब्रजेश पाठक ने कैमरे में कैद करवाया, साथ ही राज्य सरकार की वेबसाइट से डेटा निकालकर एक्सपायरी दवाओं की संख्या को वेरीफाई भी किया।

आज उत्तर प्रदेश मेडिसिन सप्लाई कार्पोरेशन,गोदाम पहुंचकर वहाँ की व्यवस्थाओं एवं सरकार के मानक अनुरूप दवाइयों की उपलब्धता व सप्लाई रिपोर्ट का औचक निरीक्षण करते हुए... pic.twitter.com/46581fYmLz

— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) May 20, 2022

गोदाम में मिली अव्यवस्थाओं के बाद उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के पैसे की बर्बादी का हिसाब जिम्मेदार अफसरों से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये दवाएं कॉर्पोरेशन द्वारा अस्पतालों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए थीं, लेकिन नहीं भेजी गईं। करोड़ों की दवाएं गोदाम में रखे-रखे एक्सपायर हो गईं। ये घोर लापरवाही है। वीडियो में दिख रहा है कि गोदाम में कई दवाओं पर धूल पड़ी है। जिन दवाइयों को ठंडी जगह पर रखा जाना चाहिए, उन्हें ऐसे ही बाहर छोड़ा दिया गया है। ये सब देख उप मुख्यमंत्री साहब गोदाम के कर्मचारियों को डांटते हैं। वो गोदाम के कर्मचारी से पूछते हैं कि क्या इन्हें लोगों को मारने के लिए रखा है। इस पर कर्मचारी स्टाफ की कमी की शिकायत करते हैं, लेकिन इसे नकारते हुए डिप्टी सीएम कहते हैं, “हमें उससे समस्या नहीं है। हमें जनता/मरीजों को जिंदा रहने के लिए दवाइयां देनी हैं।”

गोदाम में निरीक्षण के बाद ब्रजेश पाठक ने एक समिति का गठन कर जांच के आदेश दिए हैं। खुद इस पूरे मामले पर ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश मेडिसिन सप्लाई कॉर्पोरेशन, गोदाम पहुंचकर वहां मानक अनुरूप दवाइयों की उपलब्धता व सप्लाई रिपोर्ट का औचक निरीक्षण किया। प्रथम दृष्टया 16.40 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं पाई गईं। जिसकी जांच के लिए समिति को जांच रिपोर्ट 3 दिनों में प्रस्तुत करने संबंधी आदेश दे दिए गए हैं।”

दावों और वादों से इतर स्वास्थ्य की बदहाल व्यवस्था

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक लापरवाही को मुख्य वजह कहा जा सकता है। न्यू हेल्थ पॉलिसी और नेशनल हेल्थ रूरल मिशन (एनएचआरएम) के बावजूद प्रदेश की स्वस्थ्य व्यवस्था बीते की सालों से जस की तस बनी हुई है। यहां सरकारी प्राइमरी स्वास्थ्य प्रणाली की हालत खस्ता है तो वहीं निजी अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता निर्धारित नहीं है और अस्पताल अपनी मनमर्ज़ी के मुताबिक मरीज़ों से वसूली कर रहे हैं।

राज्य में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही सब ठीक होने का दावा कर रही हो, लेकिन इस दावे से इतर भी सच्चाई है। हाल ही में बलिया के चिलकहर में एक बुजुर्ग का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जो अपनी बीमार पत्नी को एंबुलेंस के आभाव में ठेले पर अस्पताल ले जाते दिखाई दे रहे थे। इस मामले में भी ब्रजेश पाठक की ओर से महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को जांच के आदेश दिए गए थे। हालांकि इस पर क्या कार्रवाई हुई इसकी शायद ही जानकारी किसी के पास उपलब्ध हो।

बहरहाल, ये महज़ एक घटनाभर नहीं है, बल्कि प्रदेश के 75 जिलों की सच्चाई है। मुफ्त इलाज, मुफ्त दवाई के शोर के बीच सिस्टम की हक़ीकत है। जमीन पर देखें तो आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना जैसी बातें और दावे हवा हवाई हैं, लोग त्रस्त हैं और सरकार मस्त है। कहीं तकनिशियनों के आभाव में गम्भीर बीमारियों की जांच के लिए लगे बड़े-बड़े यंत्र-उपकरण धूल खा रहे हैं, तो कहीं बीना डॉक्टरों के ही अस्पताल चल रहे हैं। जाहिर है स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों की वर्तमान हालत देखकर तो यही लगता है कि 'प्रदेश में सब ठीक नहीं है।'

Uttar pradesh
UP Health Care Facilities
UP Health Sector
Coup government
Yogi Adityanath

Related Stories

टी.बी. के मरीज़ों के मामले में उत्तर प्रदेश आज भी "पहले नंबर पर"

यूपी: न्यूनतम मानदेय की मांग को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, CM को सौंपा ज्ञापन 

ग्राउंड रिपोर्ट: स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रचार में मस्त यूपी सरकार, वेंटिलेटर पर लेटे सरकारी अस्पताल

लड़कियां कोई बीमारी नहीं होतीं, जिनसे निजात के लिए दवाएं बनायी और खायी जाएं

यूपी चुनाव : माताओं-बच्चों के स्वास्थ्य की हर तरह से अनदेखी

यूपी: बीएचयू अस्पताल में फिर महंगा हुआ इलाज, स्वास्थ्य सुविधाओं से और दूर हुए ग्रामीण मरीज़

यूपी चुनाव : योगी काल में नहीं थमा 'इलाज के अभाव में मौत' का सिलसिला

यूपी चुनाव: बीमार पड़ा है जालौन ज़िले का स्वास्थ्य विभाग

यूपी चुनाव: बग़ैर किसी सरकारी मदद के अपने वजूद के लिए लड़तीं कोविड विधवाएं

यूपीः एनिमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, बाल मृत्यु दर चिंताजनक


बाकी खबरें

  • भाषा
    ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा न्यायालय
    04 Jul 2022
    न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया…
  • भाषा
    अदालत ने वर्षा जल संचय के मुद्दे पर सभी पक्षों को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए दिया चार सप्ताह का समय
    04 Jul 2022
    ‘वर्षा जल संचयन’ बारिश के पानी को किसी खास माध्यम से संचय करने या इकट्ठा करने की प्रक्रिया को कहा जाता है।
  • भाषा
    एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत जीता
    04 Jul 2022
    288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। 
  • भाषा
    हिमाचल प्रदेश में एक निजी बस के खड्ड में गिरने से 16 लोगों की मौत
    04 Jul 2022
    कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि सैंज जा रही बस जंगला गांव के पास सुबह करीब साढ़े आठ बजे खड्ड में गिर गई।
  • MAYAWATI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: भाजपा को उपचुनाव जिताने में अखिलेश और मायावती का योगदान?
    03 Jul 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें