उत्तर प्रदेशः आदर्श विद्यालय, प्रोपगेंडा और सच्चाई
सोशल मीडिया पर चौथी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची अंकिता चौरसिया का एक वीडियो वायरल हो रहा है। अंकिता मात्र 31 सेकेंड में यूपी के 75 ज़िलों के नाम धड़ाधड़ सुना रही है। अंकिता पर विभिन्न मीडिया वेबसाइट पर ख़बरें लिखी जा रही हैं और बीजेपी के नेता और मंत्री इस वीडियो को ट्वीट करते हुए दावा कर रहे हैं कि यूपी के स्कूल बेहतरीन है।
देवरिया के विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने अंकिता के वीडियो को ट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। शलभमणि त्रिपाठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइज़र भी रह चुके हैं।
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शलभमणि ने लिखा है कि “श्रीमान अरविंद केजरीवाल जी डफली पीटने की बजाय हमारे देवरिया की इस नन्ही बिटिया अंकिता चौरसिया को देखिये, फिर समझिये कि श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा-दीक्षा में क्या क्रांति की है, इसे कहते हैं बदलाव।”
इसी वीडियो को केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी ट्वीट किया है। तो क्या सचमुच उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति हो गई? आइये, पड़ताल करते हैं।
अंकिता के स्कूल की स्थिति
भाजपा नेता अंकिता के वीडियो को तो ट्वीट कर रहे हैं लेकिन ये नहीं बता रहे हैं कि जिस स्कूल में अंकिता पढ़ रही है उस स्कूल की स्थिति क्या है? अंकिता पार्वतीपुर आदर्श प्राथमिक विद्यालय की चौथी कक्षा की छात्रा है। आज तक की टीम अंकिता के स्कूल पहुंची और प्राधानाध्यापक से बात की, तो पता चला कि स्कूल में मात्र हेडमास्टर है। हेडमास्टर ही पांचों कक्षाओं को पढ़ाते हैं। यूं तो स्कूल में एक शिक्षामित्र भी हैं लेकिन वो बीएलओ का काम देखते हैं और उनका स्कूल में आना-जाना कम ही होता है।
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स्कूल के बारे में खोजबीन करने पर पब्लिक एप पर एक रिपोर्ट मिली जिसमें स्कूल के हेडमास्टर शत्रुघ्न मणि कैमरे के सामने बता रहे हैं कि स्कूल में वे एकमात्र शिक्षक हैं और पांचों कक्षाओं को अकेले पढ़ाते हैं। हैरानी की बात ये है कि ये आदर्श विद्यालय है। वीडियो में पत्रकार के हाथ में सहारा समय का माइक है और इस वीडियो को पब्लिक एप पर रवि पाण्डेय ने साझा किया है, जिन्होंने अपने परिचय में नगर मीडिया प्रभारी भाजपा देवरिया लिखा है। कमाल की बात है कि भाजपा नगर मीडिया प्रभारी वीडियो साझा करता है कि स्कूल में शिक्षक नहीं हैं और सीएम के पूर्व मीडिया एडवाइज़र और स्थानीय विधायक उसी विद्यालय की छात्रा के वीडियो को शिक्षा-दीक्षा में क्रांति के उदाहरण के तौर पर ट्वीट कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के स्कूल और प्रोपगेंडा
उत्तर प्रदेश के स्कूलों को लेकर भ्रामक दावे का ये कोई पहला उदाहरण नहीं है। इससे पहले भी भाजपा लगातार फ़र्ज़ी तस्वीरों और सूचनाओं के माध्यम से ऐसे दावे करती रही है। लोगों को सिर्फ वो सूचना दी जाती है जो भाजपा के प्रोपगेंडा में फिट होती हैं और उनके पक्ष में माहौल बनाती हैं। जबकि उसी सूचना का दूसरा पहलू कुछ और ही होता है, जो सरकार के दावों की पोल खोल कर रख देता है। अंकिता चौरसिया के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। देवरिया के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी अंकिता चौरसिया की वीडियो को तो ट्वीट कर रहे हैं लेकिन ये नहीं बता रहे हैं कि इस स्कूल में मात्र एक ही शिक्षक है। या तो जानबूझकर छुपा रहे हैं या फिर विधायक महोदय को अपने क्षेत्र के स्कूलों के बारे में कुछ पता ही नहीं है। स्पष्ट है कि शलभ मणि त्रिपाठी द्वारा किया गया शिक्षा में क्रांति का दावा भ्रामक है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। )
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