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बिहार : आशाकर्मियों की 9 सूत्री मांगों को लेकर सरकारी समिति से पहले स्तर की बातचीत हुई

आशाकर्मियों की मांग है कि पारितोषिक के बजाए मानदेय शब्द का इस्तेमाल किया जाए। उन्हें एक हज़ार के बजाए दस हज़ार रुपये दी जाए।
asha workers

बिहार में आशा कर्मियों की हड़ताल लगातार जारी है। वे अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल कर रही हैं। उनकी मांग है कि पारितोषिक के बजाए मानदेय शब्द का इस्तेमाल किया जाए। उन्हें एक हजार के बजाए दस हजार रुपये दी जाए। कोरोना काल में किए गए कार्य व अन्य सभी बकाया का भुगतान किया जाए। अपनी इन मांगों को लेकर पूरे बिहार की तकरीबन एक लाख आशा और आशा फैसिलिटेटर शुक्रवार को तीसरे दिन भी पूरे बिहार में हड़ताल पर रहीं। इस दौरान आशाकर्मियों ने बड़ी भागेदारी के साथ अपने अपने पीएचसी के समक्ष मांगों के समर्थन में प्रदर्शन व नारेबाजी की।

दूसरी ओर सरकार के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार के साथ शुक्रवार शाम को हड़ताली आशा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की प्रथम स्तर की बातचीत हुई।

इस बातचीत के संबंध में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (ऐक्टू- गोप गुट) अध्यक्ष शशि यादव, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने बताया कि समिति के कार्यपालक निदेशक ने आशाओं के अनिश्चितकालीन हड़ताल के सभी 9 सूत्री मांगों तथा पूर्व के हड़ताल की सहमति वाले परंतु अकार्यान्वित मांगों को पूरे विस्तार से जाना और आशाओं की मांग और अपेक्षा को सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया।

नेताओं ने कहा कि आशाओं के हड़ताल के प्रति सरकार का पहल साकारत्मक है परंतु सभी 9 सूत्री मांगे माने जाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

भकापा (माले) विधायक दल उप नेता व अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यदेव राम के उपस्थिति में शुक्रवार को समिति निदेशक के साथ हुई वार्ता के प्रतिनिधिमंडल में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (ऐक्टू - गोप गुट) अध्यक्ष शशि यादव, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ अध्यक्ष मीरा सिन्हा , विश्वनाथ सिंह व मो. लुकमान शामिल थे।

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