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हरियाणा : नगर पालिका कर्मचारियों का रोष प्रदर्शन, सरकार को 'जगाने' के लिए बजाई ताली-थाली

नगरपालिका कर्मचारियों ने चेताया है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द अमल नहीं किया जाता तो बीजेपी दोबारा सत्ता में आने का सपना छोड़ दे।
Municipality Workers

हरियाणा में अगले साल 2024 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके मद्देनजर अभी से राज्य के कर्मचारी संगठनों ने मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं के बाद अब प्रदेश के नगर पालिका कर्मचारियों ने भी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। ये कर्मचारी 'सोई हुई सरकार को नींद से जगाने' के लिए 17 से 18 मई के बीच हरियाणा के अलग-अलग जिलों में विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के आवास पर रोष प्रदर्शन और ताली-थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। इसके अलावा इन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर इनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं होती तो ये 28 मई को जींद में बड़ी रैली का आयोजन करेंगे, जिसमें प्रदेशभर के कर्मचारी एकजुट होकर बड़ा कदम उठाएंगे।

ये प्रदर्शन राज्य के सभी 22 जिलों में किया जा रहा है और इसका मकसद आगामी चुनावों से पहले सरकार को उसके कर्मचारियों से किए वादों की याद दिलाना है। नगरपालिका कर्मचारी बीते लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं और कई बार हरियाणा नगरपालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले सड़कों पर भी हड़ताल-प्रदर्शन के लिए उतर चुके हैं। इनकी मांगों में मुख्य मुद्दा अनुबंध कर्मचारियों को पक्का करना, समान काम के लिए समान वेतन और पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली है।

सरकार पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप

न्यूज़क्लिक से बातचीत में संगठन के महासचिव मांगेराम तिगरा ने बताया कि बीते साल दिवाली के समय संघ ने बड़ा आंदोलन किया था, जिसके बाद 29 अक्टूबर को संघ और सरकार के बीच कई समझौते हुए थे, जिसमें सरकार ने कर्मचारियों की लगभग सभी मांगों को मान भी लिया था। लेकिन अब तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इसके उलट सरकार ने फायर स्टाफ की नई भर्तियां निकाल दीं, जबकि समझौते में अनुबंध पर तैनात फायर स्टाफ को सेवा सुरक्षा प्रदान करने की बात हुई थी।

मांगेराम के मुताबिक मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और निकाय मंत्री के साथ उनके संगठन और कर्मिचारियों की कई बार मीटिंग हो चुकी है, दो बार आपसी सहमति से समझौते भी हुए हैं लेकिन सरकार किसी को लागू करने के मूड में नज़र नहीं आ रही। सरकार की इस अनदेखी के चलते  प्रदेश के नगर निगमों, नगर परिषदों व पालिकाओं के करीब 40 हजार कर्मचारियों में रोष है क्योंकि मुख्यमंत्री लाखों रुपए खर्च करके जन संवाद तो कर रहे हैं, लेकिन इन कर्मचारियों की समस्या सुन तक नहीं रहे।

विधायक, सांसद और मंत्रियों के आवास पर ताली-थाली बजाने का कार्यक्रम

अंबाला में आज, बुधवार 17 मई को सभी नगरपालिका कर्मचारी स्थानीय विधायक असीम गोयल के निवास पर पहुंचे और यहां थाली-ताली बजा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों ने विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। साथ ही ये भी चेताया की अगर उनकी मांगों पर जल्द अमल नहीं किया जाता तो बीजेपी दोबारा सत्ता में आने का सपना छोड़ दे।

प्रदर्शन के दौरान नगर पालिका कर्मचारी संघ के राज्य उप प्रधान सेवा राम ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की लगातार अनदेखी करती आ रही है। प्रदेश में हाशिए पर खड़े सफाई कर्मचारियों का लगातार शोषण हो रहा है, वहीं फायर कर्मियों को उनका हक़ जोखिम भत्ता तक नहीं मिल पा रहा क्योंकि सरकार किसी को भी नियमित करके जॉब सुरक्षा की गारंटी नहीं देना चाहती, जो उसके खुद का वादा था।

सीएम खट्टर की नई चुनौतियां

बता दें कि इन कर्मचारियों की कई मांगे हैं जिसमें सीवर मैन कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण देना, अनुबंधित फायर मैन व ड्राइवरों को जॉब सुरक्षा की गारंटी, छटनीग्रस्त कर्मचारियों की बहाली, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को वर्दी भत्ता, नौकरी पर जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता, दुर्घटनाग्रस्त होने पर इलाज़ की सहायता आदि शामिल हैं। फिलहाल कर्मचारी नियमितीकरण को अपनी पहली और सबसे जरूरी मांग बता रहे हैं, जिसे लेकर इनका कहना है कि सरकार ने वादे के बावजूद इस पर अभी तक कोई योजना नहीं बनाई है।

गौरतलब है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार है और ये बीते लंबे समय से प्रदेश में किसानों और कर्मचारी संगठनों का विरोध झेल रही है। ऐसे में अगले साल होने वाले चुनाव मौजूदा सीएम खट्टर के लिए आसान साबित होते दिखाई नहीं दे रहे। उनकी यौन शोषण के मामले में मंत्री संदीप सिंह को लेकर भी काफी फजीहत हुई, इसके अलावा आए दिन प्रदेश में प्रदर्शन, पहलवानों का जंतर-मंतर पर धरना, किसानों और खापों की नाराज़गी उनके सामने और चुनौतियां पेस कर रही हैं।

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