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बेलसोनिका कंपनी: कर्मचारियों का निलंबन होगा वापस, मज़दूरों और प्रबंधन के बीच समझौता!

प्रबंधन और यूनियन के बीच पिछले लगभग 2 सालों से कथित ग़ैरक़ानूनी छंटनी और श्रम क़ानूनों को लागू करने को लेकर संघर्ष चल रहा था। 1 जून को यूनियन और प्रबंधन के बीच लिखित शर्तों के आधार पर सहमति बनी।
workers protest

हरियाणा के मानेसर में स्थित ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बेलसोनिका के प्रबंधन और यूनियन के बीच लिखित समझौता हो गया है। ये समझौता दो दिनों की हड़ताल के बाद एक जून को हुआ।

क्या था पूरा मामला?

प्रबंधन और यूनियन के बीच पिछले लगभग 2 सालों से कथित गैरकानूनी छंटनी और श्रम कानूनों को लागू करने को लेकर संघर्ष चल रहा था। इसे लेकर यूनियन ने 4मई 2023 से लगातार दिन-रात का धरना और क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। 1 जून को दोपहर के समय यूनियन और प्रबंधन के बीच औद्योगिक विवाद अधिनियम (1948) के 12 (3) के तहत लिखित शर्तों के आधार पर सहमति बनी। इस समझौते के बाद हड़ताल पर बैठे स्थायी मज़दूरों ने टूल-डाउन हड़ताल समाप्त कर दी और वे उसी दोपहर ‘ब’ की शिफ्ट से काम पर वापस लौट आए।

ज़्यादा जानकारी के लिए इसे पढ़ें: नहीं थम रहा बेलसोनिका प्रबंधन और मज़दूरों का विवाद, 10 और मज़दूर निलंबित

ज्ञात रहे कि कंपनी गेट पर धरने का यह 29वां दिन था। इससे पहले मज़दूरों ने 24 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल और दो दिन की भूख हड़ताल की थी।

यूनियन ने अपने बयान में कहा कि "श्रम विभाग, पुलिस व प्रशासन ने कि इस समझौते की मध्यस्था की। 13 सस्पेंड व 17 बर्खास्त यानी इन 30 श्रमिकों में से 10 सस्पेंड श्रमिकों को प्रबंधन ने वापस लिया है। यूनियन, प्रबंधन की इस सकारात्मक सोच का स्वागत करती है। इसके साथ ही यूनियन, श्रम विभाग, पुलिस व प्रशासन के सहयोग का भी तहे-दिल से स्वागत करती है। प्रबंधन के लिए फैक्ट्री चलाने व श्रमिकों के लिए रोजी-रोटी का सवाल दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए सवाल हैं। यूनियन उम्मीद करती है कि इसी सकारात्मक सोच के साथ प्रबंधन व यूनियन अन्य लंबित मुद्दों का समाधान जल्द से जल्द करेंगे।"


इसके साथ ही यूनियन नेताओं ने कहा, "अन्य लंबित मुद्दों पर जल्द से जल्द यूनियन वार्ता कर समाधान निकालेगी। जब तक वार्ताएं जारी है तो संघर्ष भी उसके साथ जारी है। यूनियन आज भी 'एक मज़दूर की नौकरी पर हमला, सब मज़दूरों की नौकरी पर हमले' के सिद्धांत पर दृढ़ता से कायम है। जिस टीमवर्क की भावना के साथ मज़दूर, फैक्ट्री में उत्पादन कार्य करते आ रहे हैं, उसी एकता व अनुशासन की भावना से श्रमिक अपनी रोजी-रोटी के संघर्ष को भी लड़ेंगे।”

क्या हुआ समझौता?

मौजूदा जानकारी के मुताबिक़ यूनियन और प्रबंधन के बीच समझौते पर निम्नलिखित बिंदुओं पर सहमति हुई है। समझौते से जुड़ी अन्य जानकारी मिलते ही इसे अपडेट किया जाएगा :

1.10 स्थायी मज़दूर जिन्हें 30 मार्च, 2023 से प्रबंधन ने निलंबित कर दिया गया था उन्हें प्रबंधन द्वारा आगामी तीन चरणों में काम पर वापस लिया जाएगा।

• पहले चरण में 3 निलंबित स्थायी श्रमिकों को 2 मई 2023 को काम पर वापस लिया गया,
• दूसरे चरण में इसके एक हफ़्ते के बाद 3 निलंबित श्रमिकों को काम पर वापस लिया जाएगा,
• तीसरे चरण में इसके एक हफ़्ते के बाद 4 निलंबित श्रमिकों को प्रबंधन काम पर वापस लेगा।
• सभी निलंबित मज़दूरों पर पेंडिंग इनक्वाअरी (लंबित जांच) चलती रहेगी। पेंडिंग इनक्वाअरी को इनक्वाअरी आफिसर (जांच अधिकारी) द्वारा

जल्द खत्म करके इसकी रिपोर्ट इनक्वाअरी कमेटी (जांच कमेटी) को सौंपी जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट व सभी दस्तावेज़ों के आधार पर फैसला लिया जाएगा। इस कमेटी में श्रम विभाग के अलावा कंपनी प्रबंधन व यूनियन का एक-एक प्रतिनिधि रहेगा।

2. इसके अलावा दोनों पक्षों में यह भी सहमति बनी है कि बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के तीन निलंबित पदाधिकारियों, महेंद्र कपूर (अध्यक्ष), अजीत सिंह (महासचिव) और सुनील कुमार (संगठन सचिव) को भी बाद में वापस लिया जाएगा। इनक्वाअरी कमेटी ही आगे चलकर इसपर फैसला लेगी।

3. लिखित सहमति के आधार पर 30 मई से टूल डाउन हड़ताल में शामिल किसी भी मज़दूर के ख़िलाफ़ प्रबंधन बदले की भावना से कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।

4. 17 बर्ख़ास्त (टर्मिनेट) मज़दूरों, जिनमें 14 स्थायी और 3 ठेका मज़दूर शामिल हैं, को वापस लेने के लिए प्रबंधन और यूनियन दोनों मिलकर मानवीय आधार पर व सकारात्मक तौर पर एक माह के अंदर कोई न कोई समाधान करने का प्रयास करेंगे।

5. दोनों पक्षों में यह भी सहमति बनी है कि सभी श्रमिक व प्रबंधकगण अच्छा व्यवहार व कार्य करेंगे और किसी तरह से बदले की भावना से कार्य नहीं किया जाएगा।

6. दोनों पक्षों में यह सहमति बनी है कि औद्योगिक विवाद अधिनियम (आई.डी. एक्ट) 2K के तहत दोनों पक्ष यानी यूनियन और प्रबंधन सहानुभूति तरीके से एक माह के भीतर लंबित मांग पत्र पर भी रास्ता निकालेंगे।

7. दोनों पक्षों में यह भी सहमति बनी है कि मांगपत्र पर सभी यूनियन प्रतिनिधि, प्रबंधक से बातचीत जारी रखेंगे।

यूनियन ने उपरोक्त जानकारी साझा करते हुए अपने बयान में ये भी कहा कि "इस बात पर गौर करने की ज़रूरत है कि सहमति की प्रक्रिया के दौरान प्रशासन ने 3000 पुलिस बल को खड़ा कर रखा था। एकबार जबरन उनको हटाकर डिटेन करने की भी कोशिश की गई लेकिन मज़दूर एकजुट रहे। बाद में श्रम विभाग से लेकर एलसी, एएलसी, डीएलसी, लेबर इंसपेक्टर प्रशासन व एसएचओ व तहसीलदार आदि बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में फैसला लिया गया।

उन्होंने ये भी कहा है कि "भले ही बेलसोनिका के मज़दूरों और कंपनी प्रबंधन के बीच लिखित शर्तों पर सहमति के बाद ही हड़ताल वापसी ली गई है। फिर भी हमें बहुत सतर्क रहने की ज़रूरत है। इसे लागू करवाने का आगे का रास्ता आसान नहीं है।"

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