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बिहार: अपनी मांगों को मनवाने के लिए आशा स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासन हड़ताली आशाओं को डरा धमका रहा है।
Asha Workers' Protest

बिहार में आशा और आशा फैसिलिटेटरों ने आज दूसरे दिन और बड़ी भागीदारी के साथ अपनी 9 सूत्री मांगों की पूर्ति को लेकर तकरीबन एक लाख की संख्‍या में भागीदारी कर हड़ताल को सफल बनाया। आशा हड़ताल की मुख्य नेत्री व बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने बताया कि आज अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन कुछ बचे हुए जन स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों(पीएचसी) की आशाएं भी हड़ताल पर चली गयीं जिस कारण राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह ठप्प हो गयी। 

उन्होंने बताया कि जगह जगह प्रशासन हड़ताली आशाओं को डरा धमका रहा है, बिहटा रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्‍टर पर एक हड़ताली आशा के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार करने का आरोप आशा नेत्री शशि यादव ने लगाते हुए डॉ कृष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उन पर अनुशासनात्‍मक कार्रवाई की मांग की है। 

आशा नेत्री शशि यादव ने न्‍यूज़क्लिक को बताया कि उन्‍होंने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव व स्वास्थ्य प्रधान सचिव सहित अन्य सभी प्रमुख पदाधिकारियों को एक महीना पहले ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की लिखित सूचना दी गई थी परन्तु सरकार और स्वास्थ्य विभाग निष्क्रिय बना हुआ है। और अब जब राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप्प हो गई हैं। तब प्रशासन जगह जगह आशाओं को डरा धमका रहा है और हद तो यह कि बिहटा रेफरल अस्पताल प्रभारी आशाओं के साथ दुर्व्यवहार पर उतर आया है।

आशा नेत्री ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से आशा व आशा फैसिलिटेटर से जुड़ी 9 सूत्री मांगों पर अविलंब वार्ता कर मांगे पूरा करने की मांग की है। साथ ही कहा कि सरकार और प्रशासन चाहे जितना हथकंडा अपना ले, आशाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक कि सरकार  बजट सत्र 2023 में किए गए घोषणा के अनुसार आशाओं की मांगों पर सम्मानजनक वार्ता कर मांगे पूरा नही करती।

शशि यादव ने बताया कि आज अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन पटना जिले के नौबतपुर, पालीगंज, बिक्रम, बिहटा, मसौढ़ी, धनरुआ, बाढ़, बख्तियारपुर, खुसरुपुर, संपतचक, अथमल गोला, पंडारक आदि पीएचसी व रेफरल अस्पतालों सहित राज्य के नालन्दा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, सिवान, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, किशनगंज, अररिया, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, बांका, जमुई, लखीसराय सहित सभी 38 जिलों में  ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह ठप्प हो गई हैं।

बता दें कि हड़ताल का आह्वान बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ ( गोप गुट- ऐक्टू) और  आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ (चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, सीटू) के आशा संयुक्त संघर्ष मंच ने किया है।

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