उपचुनाव: 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान
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पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को भारी जीत मिली थी। हालांकि समाजवादी पार्टी ने साल 2017 से कुछ बेहतर प्रदर्शन किया। इन चुनावों में वरिष्ठ नेता आज़म खान रामपुर सीट से तो पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे अखिलेश यादव को करहल सीट सीट से विधायक चुना गया था। हालांकि अखिलेश आज़मगढ़ से और आज़म खान रामपुर लोकसभा सीट से सांसद थे। लेकिन दोनों ने विधायक बने रहने का फैसला किया और संसदीय पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद प्रदेश की दोनों सीटें खाली हो गई थीं।
रामपुर और आज़मगढ़ के अलावा चुनाव आयोग ने देश की एक और लोकसभा सीट पर चुनावी तारीख़ का ऐलान कर दिया है। इसके साथ सात विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव कराए जाएंगे। यानी उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं।
इन उपचुनावों के लिए उम्मीदवार 30 मई यानी सोमवार से अपना नामांकन भर सकेंगे और नामांकन की आख़िरी तारीख 6 जून यानी सोमवार ही तय की गई है। इसके अलावा 23 जून को सभी निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे जबकि 26 जून यानी रविवार को मतों को ग़िनती होगी।
चुनाव आयोग का तय कार्यक्रम:
- नामांकन भरने की तारीख 30 मई।
- नामांकन भरने की आख़िरी तारीख 6 जून।
- नामांकन की स्क्रूटनी 7 जून।
- नामांकन वापस लेने की आख़िरी तारीख 9 जून।
- चुनाव की तारीख 23 जून।
- वोटों की गिनती 26 जून।
दो राज्यों की जिन तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं:
- पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट।
- यूपी की रामपुर लोकसभा सीट।
- यूपी की आज़मगढ़ लोकसभा सीट।
जिन चार राज्यों की विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं:
- त्रिपुरा की अगरतला विधानसभा सीट।
- त्रिपुरा की टाउन बोरडोवली विधानसभा सीट।
- त्रिपुरा की सुरमा(एससी) विधानसभा सीट।
- त्रिपुरा की जुबारानगर विधानसभा सीट।
- आंध्र प्रदेश की अटमाकुर विधानसभा सीट।
- दिल्ली की राजिंदर नगर विधानसभा सीट।
- झारखंड की मांडर(एससी) विधानसभा सीट।
अब एक-एक कर प्रमुख लोकसभा और विधानसभा सीटों की बात करेंगे...
पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भगवंत मान इस सीट से विधायक सांसद चुनकर आए थे, लेकिन हालही में आम आदमी पार्टी के पंजाब जीतने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया, जिसके बाद ये सीट खाली हो गई थी। यानी ये कहा जा सकता है कि इस सीट पर अब भी आम आदमी पार्टी की ही दावेदारी मज़बूत दिख रही है। इसके बावजूद सभी पार्टियों ने अपना ज़ोर दिखाना शुरु कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस से हालही में भाजपा के खेमे में पहुंचे सुनील जाखड़ को भाजपा इस सीट से टिकट दे सकती है। वहीं शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान संगरूर लोकसभा सीट के हो रहे उपचुनाव में उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। यह फैसला पार्टी की राजसी मामलों की कमेटी पीएस की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार फिलहाल तय नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ विधानसभा सीट
पिछले लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने अज़ामगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीता था, यहां की जनता ने उन्हें संसद भेजा था। हालांकि जब साल 2022 में विधानसभा चुनाव हुए तब उन्होंने भाजपा को हराने के लिए ख़ुद करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत गए। जिसके बाद उन्होंने संसदीय पद से इस्तीफा दे दिया और आज़मगढ़ सीट खाली कर दी। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वो इस सीट से डिंपल यादव को मैदान में उतार सकते हैं, क्योंकि पहले डिंपल को राज्यसभा भेजे जाने की उम्मीद थी, लेकिन अब उनकी जगह जयंत चौधरी ने पर्चा भर दिया है। ऐसे में डिंपल को मैदान में उतारने की तैयारी है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। आजमगढ़ लोकसभा सीट पर करीब 19 लाख मतदाता हैं, जिसमें सबसे ज्यादा करीब साढ़े चार लाख यादव वोटर हैं। मुस्लिम और दलित तीन-तीन लाख हैं जबकि शेष अन्य जाति के हैं। ओबीसी में यादव जिस तरह से सपा के कोर वोटर हैं तो वहीं दलितों में बसपा का मूल वोटबैंक माने जाने वाले जाटवों की संख्या अधिक है। बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाकर मुस्लिम व दलित को एकजुट रखने का दांव पहले ही चल दिया है।
आज़मगढ़ लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश के लिहाज़ से आज़मगढ़ लोकसभा बेहद महत्वपूर्ण सीट है, खासकर समाजवादी पार्टी के लिए। क्योंकि समाजवादी पार्टी के आज़म खान यहां से लगातार चुनाव जीतते आए हैं। हालांकि बीते विधानसभा चुनावों में आज़म खान रामपुर से लड़े थे और विधायक बने थे। जिसके बाद उन्होंने संसदीय पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ये सीट खाली हो गई थी। फिलहाल इस सीट पर पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का अभी कोई भी आइडिया नहीं दिया है। इसके बावजूद यहां होने वाले लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प ही होंगे।
दिल्ली की राजिंदर नगर विधानसभा सीट
आम आदमी पार्टी के विधायक रहे राघव चड्ढा के इस्तीफे के बाद ये सीट खाली हुई है। राघव चड्ढा अब संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा के सदस्य हैं। विधानसभा उपचुनाव के लिए इस सीट पर 6 जून तक उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। चुनाव की तारीखों के एलान के बाद अब तीन प्रमुख दल आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।
झारखंड की मांडर विधानसभा सीट
कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की, मांडर विधानसभा से विधायक थे। आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट ने बंधु तिर्की को दोषी पाया था। इसके तहत कोर्ट ने तीन साल की सजा और तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। तीन साल की सजा मिलने पर विधायक बंधु तिर्की की विधायकी खत्म हो गयी। इस संबंध में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने भी आदेश जारी किये थे। बंधु तिर्की की विधायकी खत्म होने के साथ ही मांडर विधानसभा सीट खाली हो गयी थी। इसके बाद से उपचुनाव की चर्चा क्षेत्र में तेज थी।
इन उपचुनावों में खासकर उत्तरप्रदेश की रामपुर और आज़मगढ़ सीट पर होने वाले लोकसभा चुनावों में सबकी निगाहें होंगी। क्योंकि यहां पहले से ही समाजवादी का गढ़ माना जाता है, लेकिन भाजपा किसी भी सूरत में इन सीटों को जीतने की कोशिश करेगी। फिलहाल सभी चीजें 26 जून को फाइनल हो जाएंगी।
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