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ट्यूनीशिया के संविधान में संशोधन करने की राष्ट्रपति की योजना का विरोध

राष्ट्रपति क़ैस सैयद ने पिछले हफ़्ते प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने और संसद को निलंबित करने के महीनों बाद 2014 के संविधान में बदलाव लाने के अपने इरादे को ज़ाहिर किया था।
Kais Saied

कई प्रमुख ट्यूनीशियाई राजनीतिक और नागरिक समाज के लोगों और राजनीतिक दलों ने देश के 2014 के संविधान में संशोधन करने की राष्ट्रपति कैस सैयद की योजनाओं की कड़ी निंदा की है और इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

ट्यूनीशियाई-अरबी भाषा के रेडियो स्टेशन मोज़ैक एफएम द्वारा रविवार 12 सितंबर को जारी एक बयान में पत्रकारों, डॉक्टरों, वकीलों और छात्रों के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दलों एन्नाहदा और हर्ट ऑफ ट्यूनीशिया पार्टी के नेताओं सहित सभी क्षेत्रों के लोगों ने कहा कि 2014 का संविधान "ट्यूनीशियाई क्रांति के प्रगति की परिणति है और स्वतंत्रता, गरिमा, लोकतंत्र, नागरिकता और कानून के शासन के लिए ट्यूनीशियाई महिलाओं और पुरुषों की आकांक्षाओं का प्रतीक है और हम इसे दरकिनार करने और इससे विचलित करने और इसकी सामग्री को हटाने के हर प्रयास को खारिज करते हैं।”

ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद ने पिछले हफ्ते संविधान में संशोधन करने की घोषणा की थी, उन्होंने कहा था कि वह केवल संवैधानिक तरीकों से ऐसा करेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह जल्द ही एक नई सरकार का गठन करेंगे। राष्ट्रपति के सलाहकार ने कथित तौर पर रॉयटर्स और अन्य मीडिया संस्थानों को कहा था कि राष्ट्रपति ने एक नया संविधान लिखने के लिए एक समिति को नियुक्त करने की भी योजना बनाई है जिसे राष्ट्रीय जनमत संग्रह के लिए रखा जाएगा।

रविवार को दिए गए बयान में कहा गया है कि "राष्ट्रपति के सलाहकार का बयान संविधान के खिलाफ क्रांतिकारी मार्ग की पुष्टि को व्यक्त करते हैं जिसे इस गणतंत्र के राष्ट्रपति ने 25 जुलाई को असाधारण निर्णयों के माध्यम से शुरू किया था जो कि संविधान के अनुच्छेद 80 से अलग है, जिसमें राष्ट्रपति को कई कैबिनेट सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने, संसद और ट्यूनीशियाई सांसदों के अधिकार को निलंबित करने और देश में सभी कार्यकारी शक्ति प्राप्त करने का जिक्र है। इसने सभी ट्यूनीशियाई लोगों से "तख्तापलट के खिलाफ सभी प्रयासों को साझा करने, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लौटने और सभी असाधारण निर्णयों को समाप्त करने का आह्वान किया जिसमें पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव्स की असेंबली को फ्रीज करना भी शामिल है।"

राष्ट्रपति को लेकर बढ़ते विरोध के एक अन्य संकेत में ट्यूनीशिया में सबसे शक्तिशाली श्रमिक संघ यूजीटीटी ने भी संविधान को निलंबित या संशोधित करने के विरोध का संकेत दिया और इसके बजाय देश में नए संसदीय चुनावों का आह्वान किया।

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