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रामचरित मानस विवाद: सपा ने रोली तिवारी और ऋचा सिंह को निष्कासित किया

रामचरित मानस को लेकर मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी ने अपनी पार्टी की दो महिला नेताओं पर कड़ा एक्शन लिया है। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार रात दो महिला नेताओं को पार्टी से निष्काषित कर दिया। समाजवादी पार्टी ने दोनों नेताओं को पार्टी से निष्काषित करने की जानकारी अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके दी है।
Roli and Richa

बता दें कि हाल ही में रोली तिवारी मिश्रा ने अपने ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमान को लेकर दिए गए बयान का एक वीडियो ट्वीट किया था. इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था, "स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएंगे. 2012 में रोटी कपड़ा सस्ती हो दवा पढ़ाई मुफ़्ती हो, इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. क्या 'मानस का मुद्दा' लेकर सपा पुनः सरकार बना पाएगी?"

इसके साथ ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ऋचा सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान की जमकर आलोचना की। बता दें कि ऋचा सिंह ने प्रयागराज से 2022 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़ा था, हालांकि इस चुनाव में वह बीजेपी के सिद्धार्थनाथ सिंह से चुनाव हार गई थीं। इसी बीच आज ही सपा ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए एक सलाह जारी करते हुए कहा है कि धार्मिक व सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से बचने की सलाह दी है।

बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर बयान दिया था। इस बायन में उन्होंने रामचरितमानस की चौपाईयों पर आपत्ति उठाई थी, उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में आपत्तिजनक अंश हैं, उन्हें बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।

क्या भाजपा की धर्म की राजनीति को 85 बनाम 15 में लाने की कोशिश में हैं अखिलेश यादव

अपनी पार्टी की महिला नेताओं पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों सपा प्रमुख को यह फैसला लेना पड़ा। दरअसल, समाजवादी पार्टी कई चुनावों में हार चुकी है। भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए चुनाव जीतने में सफल रही है। 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो उन्होंने सीएम के बंगले को गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण कराया था। इसके बाद अखिलेश यादव ने अपनी जन्म कुंडली का हवाला देते हुए कहा था कि वे शूद्र हैं इसीलिए बंगले का शुद्धिकरण किया गया है। इसके बाद से अखिलेश यादव कई मंचों से खुद को शूद्र बता चुके हैं। 

रोली ने कहा था- सनातन द्रोहियों ने महंत राजू दास पर हमला किया

समाजवादी पार्टी की नेता डॉ रोली तिवारी मिश्रा का भी बयान सामने आया है। रोली तिवारी मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना कहा था," सनातन द्रोहियों ने महंत राजू दास पर हमला किया गया है।" इसके बाद ट्वीट कर लिखा,"कल श्रीहनुमान गढ़ी मंदिर महंत श्री राजू दासजी महाराज ने मुझे श्रीरामचरितमानस सम्मान यात्रा के लिए आशीर्वाद दिया। आज लखनऊ के ताज होटल में सनातन द्रोहियों ने उन पर हमला कर दिया।"

रोली ने कहा था- स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के एजेंट हैं

सपा नेता रोली तिवारी मिश्रा ने 26 जनवरी एक बयान दिया था। कहा था,"स्वामी बसपा के एजेंट हैं। वे 2024 से पहले पार्टी भी छोड़ सकते हैं। मैं तो एक लीडर हूं, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य डीलर हैं। मुझे तो लगता है कि मौर्य सपा को और ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे। कोई कैसे भगवान राम और रामचरित मानस का अपमान बर्दाश्त कर सकता है।"

ऋचा सिंह ने कहा था- 'मानस का मुद्दा' लेकर सपा पुनः सरकार बना पाएगी?

रोली तिवारी ने अपने ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, "स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएंगे। 2012 में रोटी कपड़ा सस्ती हो दवा पढ़ाई मुफ्त हो। इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। क्या 'मानस का मुद्दा' लेकर सपा पुनः सरकार बना पाएगी?"

क्या था स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था,"रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है, तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है?

स्वामी प्रसाद मौर्य पर हुआ था हमला

मंगलवार रात लखनऊ के गोमती नगर के एक होटल में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के साथ हाथापाई की थी। बताया जा रहा है कि महंत राजू दास एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां पर स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक पहले से मौजूद थे। इस दौरान दोनों के बीच कहासुनी हो गई। मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई। स्वामी ने कहा, "मुझ पर तलवार और फरसा से हमला करने का प्रयास किया गया। वहां मौजूद मेरे समर्थकों ने बचा कर गाड़ी में बैठाया।"

स्वामी प्रसाद मौर्य की जुबान काटने पर 21 लाख का इनाम

स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर दिए अपने बयान पर कायम हैं। मौर्य ने बीते दिनों एक बयान में कहा था 'हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार'। इसको लेकर अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने इसे ब्राह्मणों और साधु-संतों का अपमान बताया था। उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मणों और संतों-महंतों को कुत्ता कहा है। ऐसे में जो भी व्यक्ति स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा करेगा, उसे राजू दास 21 लाख का इनाम देंगे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने हमले के बाद एबीपी न्यूज की एंकर पर लगाया था साजिश का आरोप

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य एबीपी न्यूज के एक डिबेट में हिस्सा लेने के लिये बुलाये गये थे जिसकी एंकरिंग रुबिका लियाकत कर रही थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रुबिका लियाकत की भूमिका को संदिग्ध बताते हुये उन्हें मुख्य साजिशकर्ता बताया। उन्होंने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को लिखे एक पत्र में बताया कि एबीपी न्यूज की एंकर रुबिका लियाकत का एबीपी शिखर सम्मेलन में उनसे पहले प्रश्न के रूप में यह पूछना कि- “स्वामी प्रसाद मौर्य साहब आपका ताज तक का सफ़र ठीक रहा?” आप जहां से निकले, जहां पहुंचे सफ़र आपका बढ़िया रहा?” साजिश का इशारा करता है।
imageहमले के बाद स्वामी प्रसाद का शिकायती पत्र

साभार : सबरंग 

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