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डेली राउंड अप: मोहाली में पुलिस मुख्यालय पर ग्रेनेड हमला, दिवंगत दानिश सिद्दीकी पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित और अन्य खबरें

मोहाली पुलिस ने एक बयान में कहा, ''शाम 7.45 बजे सेक्टर 77, एसएएस नगर में पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय परिसर में एक मामूली विस्फोट की सूचना मिली। किसी नुकसान की सूचना नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर हैं और मामले की जांच की जा रही है। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है।''

 

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मोहाली में पुलिस मुख्यालय पर ग्रेनेड हमला

चंडीगढ़/भाषा: पंजाब के मोहाली में पुलिस के खुफिया इकाई के मुख्यालय परिसर में सोमवार रात रॉकेट चालित ग्रेनेड से हमला किया गया, जिससे इमारत की एक मंजिल की खिड़की के शीशे टूट गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

 हालांकि, इससे हुए विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन राजनीतिक दलों ने इसे "चिंताजनक" और "चौंकाने वाला" करार दिया।

यह धमाका शाम करीब 7.45 बजे मोहाली के सेक्टर 77 स्थित कार्यालय में हुआ। विस्फोट के कारण इमारत की एक मंजिल की खिड़की के शीशे टूट गए।

मोहाली पुलिस ने एक बयान में कहा, ''शाम 7.45 बजे सेक्टर 77, एसएएस नगर में पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय परिसर में एक मामूली विस्फोट की सूचना मिली। किसी नुकसान की सूचना नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर हैं और मामले की जांच की जा रही है। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है।''

पुलिस ने इलाके की घेराबंदी करके अलर्ट जारी किया है। पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस अधिकारी ने कहा, ''खुफिया इमारत परिसर में एक मामूली विस्फोट हुआ। जांच जारी है और हमारे वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर हैं।''

अधिकारी ने कहा, ''विस्फोट एक रॉकेट दागे जाने जैसा था। कोई हताहत नहीं हुआ है।''

उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि घटना को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह आतंकी हमला है, तो उन्होंने कहा कि जांच जारी है।

 चंडीगढ़ पुलिस की एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम को भी खुफिया कार्यालय भवन के पास तैनात किया गया। पंजाब पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।

यह विस्फोट 24 अप्रैल को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल के पास एक विस्फोटक उपकरण की बरामदगी के बाद हुआ है।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विस्फोट पर हैरानी व्यक्त की और मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया। सिंह ने ट्वीट किया, ''मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया इकाई मुख्यालय परिसर में विस्फोट के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। गनीमत रही कि

किसी को चोट नहीं आई। हमारे पुलिस बल पर यह हमला बेहद चिंताजनक है और मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह करता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए।''

पंजाब के पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने विस्फोट को "गहरी सांप्रदायिकता का संकेत" करार दिया। उन्होंने कहा, ''मोहाली में बम विस्फोट गहरी सांप्रदायिकता का संकेत है। मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं और पुलिस से पंजाब की शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह करता हूं।''

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह विस्फोट से स्तब्ध हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''पंजाब पुलिस के खुफिया ब्यूरो मुख्यालय, मोहाली में हुए विस्फोट से स्तब्ध हूं। इससे गंभीर सुरक्षा चूक और पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति एक बार फिर उजागर हो गई है। जिम्मेदार लोगों को बेनकाब करने और दंडित करने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है।''

दिवंगत दानिश सिद्दीकी सहित चार भारतीय पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित

न्यूयॉर्क/भाषा: दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी सहित चार भारतीयों को ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है।

‘द पुलित्ज़र प्राइज़’ की वेबसाइट के अनुसार, समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के सिद्दीकी और उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को इस पुरस्कार से नवाजा गया है, जिसकी घोषणा सोमवार को की गई। भारत में कोविड-19 से जुड़ी तस्वीरों के लिए उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

सिद्दीकी (38) की पिछले साल जुलाई में अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी। अफगानिस्तान के स्पीन बोल्दक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हिंसक संघर्ष की तस्वीरें लेते समय उनकी हत्या कर दी गई थी।

सिद्दीकी को दूसरी बार पुलित्ज़र पुरस्कार से नवाजा गया है। 2018 में भी रॉयटर्स के साथ काम करते हुए उन्हें रोहिंग्या शरणार्थी संकट संबंधी तस्वीरों के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अफगानिस्तान तथा ईरान में युद्ध, हांगकांग में प्रदर्शन और नेपाल में भूकंप जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं की तस्वीरें ली थीं।

सिद्दीकी ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की थी।

 वहीं, ‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ के मार्कस याम को ‘ब्रेकिंग न्यूज़ फोटोग्राफी श्रेणी’ में पुरस्कार मिला। उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटने से लोगों के जीवन पर पड़े असर को दर्शाने वाली तस्वीरें ली थीं।

 ‘गेटी इमेजेज’ के विन मैकनेमी, ड्रू एंगरर, स्पेंसर प्लैट, सैमुअल कोरम और जॉन चेरी को भी ‘ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी श्रेणी’ में पुलित्ज़र पुरस्कार मिला। उन्होंने अमेरिकी संसद पर हमले से जुड़ी तस्वीरें ली थीं।

वर्ष 1912 में कोलंबिया विश्वविद्यालय ने विभिन्न श्रेणियों में पुलित्ज़र पुरस्कार प्रदान करने की योजना को मंजूरी दी। इसकी स्थापना हंगरी मूल के अमेरिकी फोटो पत्रकार जोसेफ पुलित्ज़र ने की थी। 1917 में पहली बार पुलित्ज़र पुरस्कार दिए गए थे।

इक्वाडोर की जेल में हुई हिंसक झड़प में 44 क़ैदियों की मौत

क्विटो इक्वाडोर/एपी: इक्वाडोर की एक जेल में प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच हिंसक झड़प में 44 कैदियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

करीब एक महीने से कुछ समय पहले एक अन्य जेल में हुए दंगे में 20 लोगों की मौत हो गई थी।

गृह मंत्री पेट्रीसियो कैरिलो ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सैंटो डोमिंगो स्थित बेलाविस्टा जेल में कुछ कैदी अन्य कैदियों पर हमला करने के इरादे से अपनी-अपनी कोठरी से बाहर निकल आए।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बात के सबूत मिले हैं कि जिन लोगों की जान गई उन पर चाकू से हमला किया गया था। अधिकतर शवों पर चाकू से गोदे जाने के निशान हैं।’’

उन्होंने कहा कि कैदियों के रिश्तेदारों की शवों को उनके गृहनगर ले जाने में मदद की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि जेल को पुलिस द्वारा फिर से नियंत्रण में लेने के बाद वहां से बंदूकें, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद हुए।

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के दौरान 220 कैदी भाग निकले, जिनमें से 112 को फिर से पकड़ लिया गया है।

मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने मार्च में एक रिपोर्ट में बताया था कि 2020 में इक्वाडोर की जेलों में हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 316 कैदियों की मौत हुई थी। इनमें से 119 उसी साल सितंबर में हुए एक दंगे में मारे गए थे।

एसकेएम ने लखीमपुर हिंसा के चार आरोपियों को ज़मानत नहीं दिए जाने का स्वागत किया

नयी दिल्ली/भाषा: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के सहयोगियों की जमानत याचिका

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने का स्वागत किया। एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया।

आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा है। एसकेएम ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सोमवार को अंकित दास, शिशुपाल, सुमित जायसवाल और लवकुश की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया।

एसकेएम के बयान में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में इन आरोपियों की सभी दलीलों को खारिज करते हुए ‘‘आरोपियों के राजनीतिक दबदबे को रेखांकित किया और कहा कि अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो ऐसी स्थिति में सबूत नष्ट होने और गवाहों पर असर पड़ने की आशंका है।’’

 किसान संगठन ने कहा कि अदालत की इन टिप्पणियों के बाद अजय मिश्रा टेनी के पास मंत्री बने रहने के लिए ‘‘कोई बहाना नहीं बचा’’ है।

मोहाली धमाका कायराना कृत्य, दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलेगी: केजरीवाल

नयी दिल्ली/भाषा: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मोहाली में बीती रात हुए धमाके को मंगलवार को ‘‘कायराना कृत्य’’ करार दिया और कहा कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दोषियों को ‘‘कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।’’
    

गौरतलब है कि पंजाब के मोहाली में सेक्टर 77 स्थित पुलिस के खुफिया इकाई के मुख्यालय परिसर में सोमवार की रात करीब पौने आठ बजे रॉकेट चालित ग्रेनेड से हमला किया गया, जिससे इमारत की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। हालांकि, इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ था।
    

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मोहाली धमाका उन लोगों की कायराना हरकत है, जो पंजाब की शांति भंग करना चाहते हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार उन लोगों के मंसूबे पूरे नहीं होने देगी।’’
    

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ पंजाब में सभी लोगों के साथ मिलकर हर हालत में शांति कायम रखी जाएगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।’’
    

इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि पुलिस धमाके की जांच की जा रही है और राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

विख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

मुंबई/भाषा: संतूर को विश्व भर में पहचान दिलाने वाले संगीतकार पंडित शिवकुमार शर्मा का यहां मंगलवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। शर्मा 84 वर्ष के थे।

वह भारत के जानेमाने शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे जिन्होंने फिल्मों में भी संगीत दिया था। उनके सचिव दिनेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुंबई के पाली हिल स्थित आवास पर सुबह आठ से साढ़े आठ बजे के बीच शर्मा का निधन हो गया।

अगले सप्ताह उन्हें भोपाल में एक कार्यक्रम प्रस्तुत करना था। वह गुर्दे की समस्याओं से भी पीड़ित थे। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शर्मा की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी।

बयान में कहा गया, “पंडित शिवकुमार शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आदेश दिए हैं।”

शिवकुमार शर्मा को 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री तथा 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 

श्रीलंका : अटॉर्नी जनरल ने पुलिस प्रमुख से देश में हुई हिंसा की जांच शुरू करने को कहा

कोलंबो/भाषा श्रीलंका: के अटॉर्नी जनरल ने मंगलवार को पुलिस प्रमुख से देश में सरकार विरोधी और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों की तत्काल और पूर्ण जांच करने को कहा है। इन झड़पों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई तथा 200 से अधिक घायल हो गए।


श्रीलंका में सोमवार को उस वक्त हिंसा भड़क गई थी जब पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोग देश के सबसे खराब आर्थिक संकट को लेकर प्रधानमंत्री को हटाने की मांग कर रहे थे।
कोलंबो और अन्य शहरों में हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।


‘न्यूज फर्स्ट’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, अटॉर्नी जनरल संजय राजारत्नम ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को लोगों के संवैधानिक अधिकार में गैरकानूनी हस्तक्षेप, किन वजहों से यह परिस्थितियां बनीं…उनकी पूर्ण जांच करने को कहा।


खबर के मुताबिक, आईजीपी को लिखे एक पत्र में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोलंबो शहर में हुई घटना ने देश भर में गंभीर हिंसा को हवा दी जिसमें जान-माल का नुकसान हुआ। उन्होंने पुलिस प्रमुख को पूरे प्रकरण की जांच की सलाह दी।


उन्होंने आईजीपी से अनुरोध किया कि जांच को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें।


श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे (76) ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे कुछ ही घंटों पहले, उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था, जिसके कारण प्राधिकारियों को राजधानी में सैन्य बलों को तैनात करना पड़ा और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाना पड़ा।


इस हिंसा के दौरान हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई नेताओं के आवासों में आगजनी की गई। वीडियो फुटेज में हंबनटोटा शहर के मेदामुलाना में महिंदा राजपक्षे और उनके छोटे भाई एवं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का आवास जलता दिखाई दे रहा है।


कुरुनेगला स्थित महिंदा राजपक्षे के आवास में भी प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी और भीड़ ने हंबनटोटा के मेदामुलाना में महिंदा और गोटबाया के पिता की स्मृति में निर्मित डी ए राजपक्षे मेमोरियल को भी नष्ट कर दिया।


वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।

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