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“प्यारे बहनों-भाइयों, नोटबंदी पार्ट-2 के लिए तैयार रहें”

जिन भाइयों बहनों को अपने नोट बैंकों से बदलने हों या जमा करने हों, 23 मई तक कर लें। उसके बाद मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी।
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy : Newslaundry

मन की असली बात : देश वासियों के नाम 

(डिसक्लेमर : इस संबोधन/आलेख का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात से कोई संबंध नहीं हैं। अगर आपको ऐसा लगे तो इसे महज़ संयोग मात्र समझें : लेखक) 

भाइयों और बहनों, आज रात बारह बजे के बाद आपके ये पांच सौ और दो हजार रुपये के नोट कागज के टुकड़े मात्र रह जायेंगे। आज मध्य रात्रि से फिर एक बार देश में नोटबंदी हो रही है। जिन भाइयों बहनों को अपने नोट बैंकों से बदलने हों या जमा करने हों, 23 मई तक कर लें। उसके बाद मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी।

मित्रों, इन पुराने पांच सौ और दो हजार रुपए के नोट के बदले मेरी सरकार नये एक हजार और पांच हजार रुपये के नोट लायेगी। इन एक हजार और पांच हजार रुपये के नये नोटों से रिश्वतखोरी और काले धन पर अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त हो कर रहेगी। क्योंकि मेरा अर्थशास्त्र का ज्ञान कहता है कि जितने बड़े नोट बाजार में होंगे, रिश्वतखोरी और काला धन उतना ही कम होगा। इसीलिए पिछली बार मैंने काला धन और रिश्वतखोरी समाप्त करने के लिए एक हजार का नोट बंद कर दो हजार रुपये का नोट शुरू किया था। बड़े नोटों के बाजार में होने से रिश्वत लेने वाले और देने वाले, दोनों को सुविधा रहती है। इसके अलावा काला धन रखने और इधर उधर ले जाने में भी सहूलियत होती है। भाइयों और बहनों, मुझे आशा है कि बडे़ नोटों से होने वाली इन्हीं सुविधाओं की वजह से मेरे मित्र लोग रिश्वत लेना देना और काला धन रखना बंद कर देंगे।

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मेरे प्यारे देशवासियों, आपको तो पता ही है कि नोट बंदी के घोषित कारण अलग होते हैं और वास्तविक कारण अलग। जैसे पिछली बार भी घोषित कारण थे, काला धन समाप्त करना, भ्रष्टाचार मिटाना, आतंकवाद की कमर तोड़ना और नकली नोटों की समस्या से निजात पाना। पर भाइयों और बहनो, पिछली बार नोटबंदी से क्या मिला। क्या काला धन खत्म हुआ, नहीं हुआ। भ्रष्टाचार खत्म हुआ, नहीं हुआ। आतंकवाद खत्म हुआ, नहीं हुआ। नकली नोट खत्म हुए, नहीं हुए। पर हां, विरोधियो के पास का पैसा खत्म हो गया। और हां, आप सबका पैसा नोटबंदी के बहाने बैंकों में जमा हो गया। मैंने उस पैसे से उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया। और मेरी सरकार ने भी बैकों में जमा आपके पैसे का भरपूर उपभोग किया।

भाइयों और बहनों, अब फिर मैं देख रहा हूँ कि इतने कम समय में ही इन विपक्षी दलों के पास बहुत ज्यादा पैसा इकट्ठा हो गया है। उस पैसे से वे चुनाव लड़ रहे हैं। मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, आपके मोदी के खिलाफ। मैंने पूरी कोशिश की थी कि इन विरोधियों के पास पैसा रहे ही नहीं। पैसा सिर्फ मोदी की भाजपा के पास रहे। तरह तरह के कानून बनाये। वे कानून बैक डेट से भी बनाये गये। चुनावी बांड निकाले। किसी न किसी तरह पक्का किया कि सारे डोनेशन का अधिक से अधिक भाजपा को ही मिले। मिला भी, चुनावी बांड का तो नब्बे पिच्चानवें प्रतिशत तक भाजपा को मिला। पर इन विरोधियों को भी इतना तो मिल ही गया कि मेरे खिलाफ चुनाव लड़ पा रहे हैं। इसीलिए फिर से नोटबंदी जरूरी है। अपने लोगों को मैंने पहले की तरह ही इस बार भी पहले से ही बता दिया है। भाजपा का पैसा बचा रहे, मेरे अपने लोगों का पैसा भी बचा रहे। इसके सारे इंतजाम पिछली बार की तरह से इस बार भी कर लिये हैं। बडे़ उद्योगपतियों का पैसा तो बचाना  ही है, इसका प्रबंध भी हो गया है। बाकी सबके नोट बरबाद हो जायेंगे।

प्यारे देशवासियों, मानता हूं, पिछली बार नोटबंदी के समय आपने काफी कष्ट सहे। सौ से अधिक लोग लाइनों में लग कर मर गए। करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई। हजारों बेटियों की शादी न हो सकी। बहुतों की जमा पूंजी बरबाद हो गई। लाखों हैक्टेयर खेती पैसा न होने के कारण बीज और खाद की कमी से बरबाद हो गई। पर भाइयों और बहनों, मुझे इसका जरा भी अफसोस नहीं है। मेरी फितरत में यह है ही नहीं कि मैं अपनी किसी भी गलती को मानूं या उसका अफसोस प्रकट करूं। हो सकता है इस बार आपको पिछली बार से भी ज्यादा कठिनाई हो, ज्यादा अधिक लोग मरें, ज्यादा अधिक लोगों की नौकरी जाये, पहले से अधिक खेती नष्ट हो और अधिक जमा पूंजी बरबाद हो पर मुझे इसके लिये मुझे तनिक भी अफसोस नहीं होगा। पर मेरी इस सनक के लिए आपको यह सब कुछ तो सहना ही पड़ेगा।

भाइयों और बहनों, वैसे तो मेरे सभी कार्यों का घोषित और अघोषित लक्ष्य के अतिरिक्त अन्य लक्ष्य भी होते हैं। मित्रों, मोदी हमेशा एक तीर से  दो नहीं, दो से अधिक शिकार करता है। तो भाइयों और बहनों, असलियत में नोटबंदी से जो मुझे प्राप्त करना है वह है सबके पास सैमसंग का स्मार्ट फोन हो। मैंने फोकट में ही  सैमसंग की फैक्ट्री का उद्घाटन नहीं किया था। फिर उस फोन में रिलायंस के जियो का कनेक्शन हो। मित्रों, आपको याद दिलाना चाहता हूं, मैंने ही जियो का विज्ञापन किया था। उस विज्ञापन के कारण मुकेश अंबानी को पांच सौ रुपये की भारी भरकम रकम फाइन के रूप में देनी पडी़ थी। और देश को क्या मिला था, यह आपकी कल्पना से भी परे है। अब आप जानते ही हैं, 2014 से मैं ही देश हूँ इसलिए अब मुझे मिले या देश को, एक ही बात है। तो अब अंबानी का मुझे दिया गया वह कर्ज भी देश को ही उतारना है। और जियो के कनेक्शन के साथ पेटीएम का ऐप डाउनलोड हो। आपको यह भी याद होगा कि पेटीएम के पूरे पूरे पेज़ के विज्ञापनों में मेरी पूरी की पूरी फोटो छपा करती थी। मैं देश के भले के लिए ही सब कुछ करता हूँ। पेटीएम ने भी उस विज्ञापन की पूरी पेमेंट देश को कर दी थी। पर देश है कि न तो सैमसंग का कर्ज उतार पा रहा है और न ही जियो और पेटीएम का। इस कर्ज को उतारने के लिए यह नोटबंदी (पार्ट टू) बहुत ही जरूरी है।

नेता जी कहिन: भाइयों और बहनों, बार बार नोटबंदी न करनी पड़े, इसलिए आप सब सैमसंग का स्मार्ट फोन खरीदें, उसमें जियो का कनेक्शन लें और पेटीएम का एप्लिकेशन डाउनलोड करें। में कानून बना दूंगा कि जब कोई भी बच्चा पैदा हो, उसका जन्म प्रमाणपत्र जारी होने से पहले ही उसका आधार कार्ड बन जाये, उसके पास सैमसंग का स्मार्ट फोन आ जाये, जिसमें जियो का इंटरनेट कनेक्शन हो और पेटीएम का ऐप डाउनलोड हो जाये। यह देश का संकल्प है। 

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"मन की असली बात"

(इस व्यंग्य आलेख के लेखक पेश से चिकित्सक हैं।)

 

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