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सीजेआई के खिलाफ लगातार प्रदर्शन, 25 महिलाओं समेत 35 हिरासत में

सामाजिक कार्यकर्ता एनी राजा ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया तथा मौजूदा कानूनी नियमों को पूरी तरह से नकारना और इसका उल्लंघन मंजूर नहीं है।
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेती दिल्ली पुलिस

दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत में अपनायी गयी जांच प्रक्रिया के विरोध में मंडी हाउस पर विरोध मार्च निकालने की कोशिश कर रहे 35 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। प्रदर्शनकारियों में 25 महिलाएं शामिल थीं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि विभिन्न महिला संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शन को देखते हुए इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किये गये थे। प्रदर्शनकारियों को मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया।

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इससे पहले बुधवार को कनॉट प्लेस में प्रदर्शन कर रहीं 17 महिलाओं को हिरासत में लिया गया था।

गोगोई को सोमवार को शीर्ष अदालत की आंतरिक जांच समिति से क्लीनचिट मिल गयी। जांच समिति को प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाये गये आरोपों में ‘‘कोई दम नजर’’ नहीं आया।

गोगोई को मिली क्लीनचिट पर आपत्ति जताते हुए कई प्रदर्शनकारियों मुख्यत: महिलाओं ने बैनर लेकर कनॉट प्लेस मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 7 के बाहर प्रदर्शन किया।

पुलिस ने बताया कि उन्हें जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिये कहा गया, लेकिन उन्होंने अपना प्रदर्शन कनॉट प्लेस में ही जारी रखा। इस संबंध में 17 महिलाओं को हिरासत में लिया गया और उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

इससे एक दिन पहले मंगलवार को यहां उच्चतम न्यायालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे 55 प्रदर्शनकारियों अधिकतर महिला वकीलों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था।

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सामाजिक कार्यकर्ता एनी रजा ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया तथा मौजूदा कानूनी नियमों को पूरी तरह से नकारना और इसका उल्लंघन मंजूर नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक मिसाल कायम करेगा जिसका आने वाले वर्ष में बहुत खतरनाक प्रभाव होगा।’’

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिला को न्याय का पूरा अवसर नहीं दिया गया और सीजेआई को क्लीनचिट दे दी गई। प्रदर्शनकारियों ने इसे न्याय का माखौल बताया। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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