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सुनंदा पुष्कर मामला: अदालत ने थरूर के ख़िलाफ़ आरोप तय करने पर फ़ैसला सुरक्षित रखा

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मुद्दे पर दिल्ली पुलिस और थरूर के वकीलों की दलीलें सुनीं। अदालत के 29 अप्रैल को फैसला सुनाने की संभावना है।
शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ उनकी पत्नी की मौत के मामले में आरोप तय करने के मुद्दे पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मुद्दे पर दिल्ली पुलिस और थरूर के वकीलों की दलीलें सुनीं। अदालत के 29 अप्रैल को फैसला सुनाने की संभावना है।

जिरह के दौरान पुलिस ने जहां भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आग्रह किया, वहीं थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत से कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच में उनके मुवक्किल को पूरी तरह दोषमुक्त माना गया है।

पाहवा ने थरूर को आरोपमुक्त करने का आग्रह किया और कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ भादंसं की धारा 498ए (पति या उसके किसी रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) या 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं है।

पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात यहां एक होटल में मृत मिली थीं।

दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ भादंसं की धाराओं-498 ए और 306 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था।

पांच जुलाई 2018 को थरूर को जमानत मिल गई थी।

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