छात्रों के दमन पर उतरा अलवर प्रशासन ?
राजस्थान सरकार द्वारा छात्रों पर दमन का एक और मामला सामने आया है। 27 अगस्त को अलवर पुलिस ने sfi के तीन छात्र नेताओं को फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ़्तारी के बाद तीनों छात्रों को जिला थाने में बेरहमी से पीटा गया। न्यायलय के हस्तक्षेप के बाद sfi के गिरफ्तार किये गए छात्र पंकज की मेडिकल जांच कराई गयी। इस जाँच से ये पता चला कि उनके शरीर पर 9 चोटें आयी हैं। पुलिस ने छात्रों पर राज्य कार्य में बाधा डालने के आरोप लगा कर उन्हें गिरफ्तार किया था। sfi का राज्य प्रतिनिधि मंडल इस सम्बन्ध में डीजीपी से मिला और डीजीपी ने इसपर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। 3 sfi छात्रों में से एक गोलू पटेल को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। पर अब तक बाक़ी दोनों sfi नेताओं- पंकज सांवरिया और शोएब अख्तर को अब तक रिहा नहीं किया गया है। इस घटना के बाद पुलिस ज्यादती के खिलाफ गठित साँझा मंच के प्राधिकारियों ने पुलिस अधिकारीयों से मिलकर अपना आक्रोश जाहिर किया। 6 सितम्बर को माकपा महासचिव रईसा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 27 अगस्त को जेल सर्किल पर sfi के छात्र लिंग्दोह कमिटी की सिफारिशें मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
ये पूरा प्रकरण तब शरू हुआ जब छात्र संघ चुनावों में sfi के छात्र लिंग्दोह कमिटी की सिफारिशें लागू करवाने के लिए प्रचार कर रहे थे। इस प्रचार के दौरान sfi के छात्रों ने अलवर के कॉलेजों में लिंग्दोह कमिटी का उल्लंघन कर रहे छात्रों की रिपोर्ट प्रिंसिपलों और प्रशासन को दी । ये सभी छात्र नेता , छात्र संघ के चुनावों में ज़रुरत से ज्यादा खर्च , बड़े होर्डिंग्स लगाने और गुंडागर्दी के खिलाफ प्रचार कर रहे थे । पर काफी समय तक प्रशासन की कार्यवाही ना होने के कारण इन् छात्रों ने होर्डिंग्स के सामने प्रदर्शन करने का फैसला किया। 27 अगस्त को ये छात्र जेल चौराहे सर्किल के पास होर्डिंग्स के सामने सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान 3 से 4 सादा कपड़ों में आये पुलिस वालों ने उन्हें जीप में बैठाया और पुलिस स्टेशन ले जाकर उन्हें बेरहमी से पीटा । इसके बादसे ही पुलिस ज्यादती के खिलाफ गठित साँझा मंच और माकपा लगातार छत्रों को तुरंत रिहा कराने और पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।
पर ये पहली बार नहीं है कि अलवर में छात्रों पर इस तरह का दमन हुआ हो। 2014 में भी बीआर आर्ट्स कॉलेज में sfi के ही छात्रों के साथ ऐसी ही घटना हुई थी। 2014 के छात्र संघ चुनावों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद जीतने के बाद भी उन्हें प्रशासन द्वारा छात्र संघ कार्यालय की चाबी नहीं दी गयी। इसके खिलाफ जब छात्रों आवाज़ उठायी तो 12 छात्रों मुक़दमे दायर कर दिए गए थे। छात्रों का आरोप है कि 2016 मे भी पुलिस और प्रशासन ने एक राजनेता के रिश्तेदार को जीतने में मदद की थी। जब इसका विरोध किया गया तो 20 छात्रों पर मुक़दमे दायर कर दिए गए थे, जो आज तक चल रहे हैं। sfi राजस्थान के राज्य सचिव मंडल सदस्य पवन बैनीवाल का कहना है कि ये पूरा प्रकरण जिला प्रशासन द्वारा सुनियोजित ढंग से किया का रहा है। उनका आरोप है कि ये बीजेपी से अलवर विधायक के इशारों पर किया जा रहा है। इसको राजस्थान में प्रतिरोध की राजनीति को खत्म करने के प्रसंग में देखा जाना चाहिए।
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